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बंदियों के साथ-साथ हमास ने मांगे दो आतंकियों के शव, युद्धविराम को लेकर इजरायल से बातचीत में रखी ये शर्तें

Gaza ceasefire talks: इजरायल और हमास के बीच गाजा में युद्धविराम को लेकर बातचीत जारी है. हमास ने दो कमांडरों के शव लौटाने और कैदियों की रिहाई की मांग की है. अमेरिकी शांति योजना के तहत कैदियों की अदला-बदली प्रस्तावित है. दूसरी बरसी पर विश्वभर में प्रदर्शन हुए, लेकिन समाधान अभी दूर दिखता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Gaza ceasefire talks: गाजा पट्टी में जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम को लेकर बातचीत जारी है. अमेरिका की मध्यस्थता में मिस्र और कतर जैसे देश भी इस पहल को आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन इन प्रयासों के बीच हमास ने इजरायल के सामने कुछ सख्त शर्तें रख दी हैं, जिससे समझौते की राह मुश्किल होती दिख रही है.

हमास की प्रमुख मांग

हमास ने इजरायल से मांग की है कि वह उसके दो वरिष्ठ कमांडरों याह्या और मोहम्मद सिनवार के शव वापस करे. इन दोनों को इजरायल ने अपने सैन्य ऑपरेशन में मार गिराया था. इसके अलावा हमास ने यह भी शर्त रखी है कि इजरायल में कैद कई फिलिस्तीनी कैदियों और कुछ अन्य आतंकवादियों को रिहा किया जाए. इजरायल की ओर से फिलहाल इन मांगों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.

बंदियों की अदला-बदली का प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति योजना के अनुसार, हमास की ओर से इजरायल के कब्जे में मौजूद 48 बंदियों को रिहा किया जाएगा. इन 48 में से केवल 20 लोग जीवित हैं, जबकि बाकी के शव लौटाए जाएंगे. जवाब में, इजरायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. इनमें से अधिकतर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए बड़े हमले के बाद, इजरायल ने गाजा से करीब 1700 लोगों को हिरासत में लिया था. इस संघर्ष में अब तक गाजा में 60,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, इजरायली जेलों में गाजा के कम से कम 15 बंदियों की मौत की पुष्टि भी हो चुकी है.

दुनियाभर में हमले की बरसी पर हुए प्रदर्शन

इस सप्ताह मंगलवार को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की दूसरी बरसी थी. इस अवसर पर दुनिया के कई देशों में फिलिस्तीन समर्थकों ने इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन किए. सिडनी, लंदन, पेरिस, जिनेवा, एथेंस, इस्तांबुल, टोक्यो, जकार्ता और स्टॉकहोम जैसे शहरों में हजारों लोगों ने रैलियों में हिस्सा लिया और इजरायल की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई.

प्रदर्शनकारियों ने गाजा में चल रही सैन्य कार्रवाई की निंदा की और फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की मांग दोहराई. वहीं, इजरायल ने इन प्रदर्शनों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि जिस दिन उसके नागरिकों पर हमला हुआ था, उसकी बरसी के दिन फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करना "अनुचित और अपमानजनक" है.

युद्धविराम की राह अब भी मुश्किल

युद्धविराम की संभावनाएं बनी हुई हैं, लेकिन हमास की सख्त शर्तों और इजरायल की चुप्पी के चलते समाधान फिलहाल दूर नज़र आ रहा है. अमेरिका और उसके सहयोगी देश बातचीत को सफल बनाने में लगे हुए हैं, लेकिन ज़मीन पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं.

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08 October 2025, 02:09 PM IST

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