पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के 'डर्टी वर्क' वाले बयान पर अमेरिका ने साधी चुप्पी, व्हाइट हाउस ने टाल दिया सीधा जवाब
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के 'डर्टी वर्क' वाले बयान पर अमेरिकी प्रशासन ने सीधी प्रतिक्रिया देने से परहेज किया है. व्हाइट हाउस ने मामले पर पूछे गए सवाल को टालते हुए केवल इतना कहा कि वह भारत और पाकिस्तान से संपर्क में है और क्षेत्रीय हालात पर नजर रखे हुए है.

US on Khawaja Asif statement: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए "गंदा काम" किया पर व्हाइट हाउस ने जवाब देने से साफ इनकार कर दिया. यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.
व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में जब एक पत्रकार ने इस बयान पर अमेरिका की प्रतिक्रिया पूछी, तो अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जवाब को टालते हुए केवल इतना कहा कि अमेरिका इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और भारत-पाकिस्तान दोनों देशों से संपर्क में है.
#WATCH | On the United States being in touch with the leadership of both Pakistan and India, US State Department spokesperson Tammy Bruce says, "That is correct. The secretary also gave me a note about that as well. So we are reaching out regarding the Kashmir situation, India… pic.twitter.com/E1FxQ2WZak
— ANI (@ANI) April 29, 2025
पाक मंत्री के बयान पर अमेरिका ने साधी चुप्पी
ब्रिटेन के समाचार चैनल स्काई न्यूज से बातचीत में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, "हमने पिछले तीन दशकों तक अमेरिका, पश्चिम और ब्रिटेन के लिए गंदा काम किया है." उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह नीति एक "गलती" थी और पाकिस्तान को इसके चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है. आसिफ के इस बयान ने कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया देने से परहेज किया है.
अमेरिका का टालमटोल भरा जवाब
टैमी ब्रूस ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "विदेश मंत्री भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बातचीत करेंगे. हम इस क्षेत्र में हो रही सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और विभिन्न स्तरों पर दोनों देशों की सरकारों से संपर्क में हैं." उन्होंने आगे कहा, "हम सभी पक्षों से जिम्मेदारी से काम लेने की अपील कर रहे हैं. पूरा विश्व इसे देख रहा है, लेकिन फिलहाल इससे संबंधित हमारे पास और कोई जानकारी नहीं है."
लश्कर-ए-तैयबा के इनकार पर भी उठे सवाल
जब आसिफ से यह पूछा गया कि क्या पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को आर्थिक और रणनीतिक समर्थन देता है, तो उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा कि लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में मौजूद नहीं है. उन्होंने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में नहीं है. वह संगठन अब विलुप्त हो चुका है. जब मूल संगठन ही नहीं है, तो उसकी शाखा कैसे बन सकती है?"
यह बयान पहलगाम हमले के संदर्भ में आया, जिसकी जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली है जो कि लश्कर-ए-तैयबा की एक मानी गई शाखा है.
भारत-पाक तनाव पर अमेरिका की चिंता
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से जल्द बात करेंगे. टैमी ब्रूस ने कहा, "कश्मीर की स्थिति को लेकर विदेश मंत्री भारत और पाकिस्तान दोनों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें सलाह दे रहे हैं कि स्थिति को और न बिगाड़ा जाए." उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका न सिर्फ मंत्री स्तर पर, बल्कि अन्य कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से भी दोनों देशों के संपर्क में है.
वैश्विक नेताओं से भी संपर्क की पहल
ब्रूस ने कहा, "विदेश मंत्री अन्य देशों के नेताओं और विदेश मंत्रियों से भी अपील कर रहे हैं कि वे भारत और पाकिस्तान से संपर्क कर इस मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने की दिशा में काम करें. रोज़ाना इस पर कार्रवाई की जा रही है और मंत्री अपने समकक्षों से सीधे संवाद कर रहे हैं."


