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तेल के ताने-बाने में फंसी भारत की 6 कंपनियां, अमेरिका ने मारा बैन का छापा!

अमेरिका ने ईरान से पेट्रोकेमिकल्स आयात करने पर भारत समेत कई देशों की कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इन कंपनियों पर ईरान की अवैध गतिविधियों को आर्थिक सहायता देने का आरोप है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को उन कंपनियों के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की, जो ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों से संबंधित बड़े लेन-देन में शामिल रही हैं. इस सूची में भारत, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), चीन और इंडोनेशिया की कई कंपनियों के नाम सामने आए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच कुछ भारतीय कंपनियों ने मेथनॉल, टोल्यूनि और पॉलीइथिलीन जैसे ईरानी मूल के पदार्थों का आयात किया था. अमेरिकी सरकार के अनुसार, इन लेनदेन के जरिए ईरान को अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों के लिए अवैध रूप से धन जुटाने में मदद मिली.

कौन-कौन सी कंपनियां शामिल 

अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित भारतीय कंपनियों में कंचन पॉलिमर्स, अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, रमणिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड और पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं.

विदेश विभाग ने कहा कि कंचन पॉलिमर्स ने यूएई स्थित तानाइस ट्रेडिंग के माध्यम से करीब 1.3 मिलियन डॉलर मूल्य की ईरानी पॉलीएथिलीन खरीदी. अलकेमिकल सॉल्यूशंस ने विभिन्न माध्यमों से कुल 84 मिलियन डॉलर से ज्यादा की ईरानी पेट्रोकेमिकल्स का आयात किया, जिससे वह इस कार्रवाई में सबसे बड़े उल्लंघनकर्ताओं में गिनी गई है.

जुपिटर डाई केम ने लगभग 49 मिलियन डॉलर की ईरानी टोल्यूनि और अन्य पेट्रोकेमिकल्स का आयात किया. वहीं, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड द्वारा 51 मिलियन डॉलर की सामग्री लाई गई. पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम ने बाब अल बरशा ट्रेडिंग एलएलसी के ज़रिए करीब 14 मिलियन डॉलर के शिपमेंट मंगवाए, जिस पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

प्रतिबंध को लेकर अमेरिका ने क्या कहा? 

अमेरिकी बयान में स्पष्ट किया गया है कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य केवल दंड देना नहीं, बल्कि भविष्य में सुधार लाना है. प्रतिबंधित संस्थाओं की सभी अमेरिकी संपत्तियां जब्त कर दी गई हैं और इनके साथ किसी भी प्रकार का व्यापार अब OFAC की अनुमति के बिना प्रतिबंधित रहेगा. भारतीय कंपनियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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31 July 2025, 08:58 AM IST

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