रूस से रिश्तों पर अमेरिका की सख्ती! जयशंकर बोले- “देखेंगे जब वक़्त आएगा”
जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस की गतिविधियां हमेशा दिलचस्प होती हैं, लेकिन भारत रूस प्रतिबंध विधेयक के प्रभावों का मूल्यांकन तभी करेगा जब यह वास्तव में लागू करने योग्य होगा. फिलहाल भारत ‘प्रतीक्षा और निगरानी’ की नीति अपना रहा है और अपने रणनीतिक हितों को स्पष्ट कर चुका है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस वार्ता में रूस के खिलाफ प्रस्तावित नए अमेरिकी प्रतिबंध विधेयक को लेकर भारत की चिंता सार्वजनिक रूप से जाहिर की. यह विधेयक अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किया गया है, जो रूस पर प्रतिबंधों को और कड़ा करने के साथ-साथ उन देशों को भी प्रभावित कर सकता है जो अब भी मॉस्को के साथ व्यापारिक या रणनीतिक संबंध बनाए हुए हैं.
जयशंकर ने कहा कि भारत इस विधेयक के संभावित प्रभावों से अवगत है और इस विषय पर अमेरिकी सांसदों के साथ सक्रिय संवाद कर रहा है. उन्होंने कहा, "हम सीनेटर लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं. दूतावास और हमारे राजदूत इस पर लगातार बातचीत कर रहे हैं. भारत की चिंताएं और हित, विशेष रूप से ऊर्जा और सुरक्षा के मसले पर, उन्हें स्पष्ट रूप से बता दिए गए हैं." हालांकि जयशंकर ने फिलहाल इसे लेकर कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए ‘प्रतीक्षा और निगरानी’ की नीति अपनाने का संकेत दिया. उन्होंने कहा, "जब हम उस पुल को पार करेंगे, तो हम उस पर विचार करेंगे."
क्वाड बैठक में चीन पर तीखा रुख
इसी प्रेस वार्ता में जयशंकर ने दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर भी कड़ी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सभी क्वाड सदस्य देशों – भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया – के लिए सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. "दक्षिण चीन सागर पर कुछ चर्चा हुई. हमारा साझा उद्देश्य विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और क्षेत्र को संघर्ष मुक्त बनाए रखना है," उन्होंने कहा.
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि क्वाड देश इस इलाके में यथास्थिति को बल या दबाव से बदलने की किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करते हैं. बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई गई.
संयुक्त वक्तव्य की प्रमुख बातें
चारों देशों ने चीन का नाम लिए बिना उस पर नेविगेशन की स्वतंत्रता में बाधा डालने, अपतटीय संसाधनों में हस्तक्षेप करने और खतरनाक सैन्य गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया. वक्तव्य में कहा गया, "हम खतरनाक और उत्तेजक कार्रवाइयों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं, जिसमें सैन्य विमानों, कोस्ट गार्ड और समुद्री मिलिशिया जहाजों द्वारा टक्कर मारना, अवरोध उत्पन्न करना और वॉटर कैनन का खतरनाक उपयोग शामिल है."


