score Card

टैरिफ वॉर के बीच रूस में पुतिन से मिले विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका को स्पष्ट संदेश

विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रूस यात्रा में पुतिन से मुलाकात और लावरोव संग वार्ता हुई. भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति बनी. अमेरिका के टैरिफ फैसले को अनुचित ठहराया गया. भारत ने ऊर्जा नीति में स्वायत्तता और संतुलन पर बल दिया. रणनीतिक साझेदारी के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण संवाद हुआ.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

India Russia relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, तथा रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी महत्वपूर्ण वार्ता की. इस दौरे का उद्देश्य चीन-प्रभाव को सामने रखते हुए भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना है, विशेषकर व्यापारिक, ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्रों में.

जयशंकर ने पुतिन से मुलाकात के दौरान इस बात पर बल दिया कि भारत-रूस के संबंध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही विश्व में सबसे ठोस और विश्वसनीय साझेदारियों में से एक रहे हैं. दोनों नेताओं ने इस साझेदारी को टिकाऊ और संतुलित बनाने पर सहमति व्यक्त की, साथ ही व्यापारिक और टैरिफ संबंधी अड़चनों को जल्द समाप्त करने का संकल्प लिया.

अमेरिका को दिया कड़ा जवाब

बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में अमेरिकी टैरिफ नीति की आलोचना की. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा रूसी तेल पर लगाए गए 50% टैरिफ का तर्क समझ से परे है, क्योंकि भारत न तो रूस का सबसे बड़ा तेल आयातक है. यह खिताब चीन के पास है और न ही भारत LNG का प्रमुख खरीदार है, यूरोपीय यूनियन हमसे आगे है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हाल के वर्षों में अमेरिका ही भारत को वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता के लिए रूस से तेल खरीदने का सुझाव देता रहा है, और भारत ने अमेरिका से भी तेल की खरीद बढ़ाई है. ऐसे में, यह टैरिफ नीति अनुचित और विरोधाभासी है.

ऊर्जा साझेदारी 

जयशंकर ने इस दौरान यह भी रेखांकित किया कि भारत की ऊर्जा रणनीति सततता और विविधता पर आधारित है, न कि किसी देश के प्रति निर्भरता पर. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अमेरिकी दबाव में नहीं झुकेगा और अपनी रणनीतिक स्वायत्तता कायम रखेगा.

भविष्य की राह

जयशंकर की यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में संतुलन बनाए रखने का एक स्पष्ट संकेत है. पुतिन के इस साल के अंत में भारत की संभावित यात्रा की तैयारी में यह यात्रा अहम कड़ी रहेगी. दोनों पक्षों ने भविष्य में आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.

calender
21 August 2025, 08:56 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag