आर्मेनिया भारत से Su-30MKI खरीदने की तैयारी में, अज़रबैजान-पाकिस्तान सौदे के बाद बढ़ी रक्षा साझेदारी
अंतरराष्ट्रीय रक्षा मंच डिफेंस सिक्योरिटी एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, आर्मेनिया भारत के साथ Su-30MKI लड़ाकू विमान खरीदने को लेकर बातचीत कर रहा है.

अंतरराष्ट्रीय रक्षा मंच डिफेंस सिक्योरिटी एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, आर्मेनिया भारत के साथ Su-30MKI लड़ाकू विमान खरीदने को लेकर गंभीर बातचीत कर रहा है. यह कदम अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान से 40 JF-17 थंडर ब्लॉक III विमान खरीदने के जवाब में देखा जा रहा है, जिसने दक्षिण काकेशस क्षेत्र में सैन्य संतुलन को नया मोड़ दे दिया है.
वायुशक्ति को मजबूत करेगा Su-30MKI
आर्मेनिया को उम्मीद है कि भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित Su-30MKI उसकी वायुशक्ति को मजबूत करेगा और अज़रबैजान के पास जा रही नई तकनीक का संतुलित जवाब बनेगा. भारत हाल के वर्षों में आर्मेनिया का सबसे भरोसेमंद रक्षा साझेदार बनकर उभरा है. नई दिल्ली पहले ही उसे आकाश-1S मिसाइल प्रणाली और *पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर जैसे आधुनिक हथियार उपलब्ध करा चुकी है. यह साझेदारी आर्मेनिया की उस रणनीति को भी दर्शाती है जिसके तहत वह अपनी रक्षा आपूर्ति में विविधता लाना चाहता है और किसी एक देश पर निर्भरता कम कर रहा है.
फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने भी आर्मेनिया को राफेल विमान की पेशकश की थी, लेकिन ऊंची लागत और प्रदर्शन से जुड़ी चिंताओं के कारण येरेवन ने इस पर तुरंत सहमति नहीं दी. वहीं, भारत के Su-30MKI विमान की कीमत अपेक्षाकृत कम है और इसका प्रदर्शन लचीलापन, रेंज और तकनीकी सहायता के मामले में बेहतर माना जा रहा है. अमेरिकी थिंक टैंक रैंड कॉरपोरेशन के विशेषज्ञ सैम लिचेंस्टीन के अनुसार, आर्मेनिया सबसे अधिक संभावना भारत से 8–12 Su-30MKI विमान खरीदने की है.
अज़रबैजान का पाकिस्तान-चीन से 4.6 अरब डॉलर का सौदा उस क्षेत्र में शक्ति समीकरण को बदल रहा है. JF-17 ब्लॉक III विमानों में AESA रडार और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली जैसी पांचवीं पीढ़ी की तकनीकें हैं. इससे पहले तक रूस इस क्षेत्र का प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता था, लेकिन अब चीन और पाकिस्तान वहां तेजी से प्रभाव बढ़ा रहे हैं.
भारत के लिए यह सौदा न केवल एक रक्षा निर्यात अवसर है, बल्कि एक रणनीतिक कदम भी है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित Su-30MKI, रूस के Su-30 का भारतीय संस्करण है, जो अस्त्र मिसाइल और अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से लैस है.
सुपर सुखोई अपग्रेड प्रोग्राम पर काम कर रहा भारत
भारत अब सुपर सुखोई अपग्रेड प्रोग्राम पर भी काम कर रहा है, जिसमें AESA रडार और नई इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक शामिल हैं. आर्मेनिया के पास वर्तमान में चार रूसी Su-30SM और करीब 15 Su-25 विमान हैं, लेकिन उनकी तकनीकी सीमाओं के कारण उसे आधुनिक विमानों की आवश्यकता है.
भारत से मिलने वाले Su-30MKI न केवल उसकी वायुसेना को नई क्षमता देंगे, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को भी गहराई देंगे. यह सौदा काकेशस क्षेत्र में शक्ति संतुलन को पुनः परिभाषित कर सकता है और भारत को एक विश्वसनीय रक्षा आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करेगा.


