हमले के निशान छिपा रहा पाकिस्तान: सिंदूर के बाद 'कवर-अप' ऑपरेशन तेज़
ताजा उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह चित्रों से पता चलता है कि पाकिस्तान अब भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए कम से कम तीन सैन्य स्थलों को ढकने के लिए तिरपाल का उपयोग कर रहा है.

हाल ही में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान अपने हवाई अड्डों पर हुए नुकसान को छिपाने में जुटा हुआ है. उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेज में यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान ने अपने तीन प्रमुख वायुसेना ठिकानों मुरीद, जैकोबाबाद और भोलारी को तिरपालों से ढक दिया है. इन तस्वीरों में दिख रहा है कि कुछ छतों को उन्हीं के जैसे रंग की चादरों से कवर किया गया है, ताकि वह नजरों से छिपी रहें.
क्षतिग्रस्त जगहों को छिपाने की कोशिश कर रहा पाक
4 जून को ली गई मैक्सार टेक्नोलॉजीज की एक तस्वीर में भोलारी एयरबेस पर एक क्षतिग्रस्त हैंगर की छत को बहुत सधे हुए ढंग से एक नई सामग्री से ढका गया है, जो पूरी तरह ढांचे से मेल खाती है. यह कोई मरम्मत नहीं, बल्कि एक छिपाने की कोशिश लगती है. इन तिरपालों की पहचान सबसे पहले जियो-इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने की थी.
मुरीद बेस पर कमांड और कंट्रोल सेंटर को छिपाया गया
इसी तरह, मुरीद बेस में भी एक ग्रीन कवर के नीचे कमांड और कंट्रोल सेंटर को छिपा दिया गया है. 10 मई को इस पर हमला हुआ था और अब इसे ऐसे छुपाया गया है जैसे कुछ हुआ ही न हो. वहां एक तीन मीटर चौड़ा गड्ढा भी देखा गया, जिसे अब टेंट से ढक दिया गया है, मानो साक्ष्य मिटाने की कोशिश हो रही हो.
जैकोबाबाद का शहबाज एयरबेस, जहां एफ-16 तैनात हैं. वहां भी सफाई और छुपाव का काम जारी है. 4 जून की तस्वीरों में मलबा गायब दिख रहा है, जबकि 11 मई को यही क्षेत्र क्षतिग्रस्त नजर आया था.
इन सबके बावजूद पाकिस्तान नकार की नीति अपना रहा है. वह नुकसान छुपाने में लगा है और भारतीय विमानों को मार गिराने जैसे बिना पुष्टि वाले दावों को प्रचारित कर रहा है. सच्चाई हालांकि अब दुनिया के सामने है, सैटेलाइट्स के जरिए.