ट्रंप को बलूच नेता की दो टूक... पाकिस्तान नहीं, बलूचिस्तान है तेल का मालिक
बलूच नेता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI, जिसे उन्होंने 'आतंकी संगठनों का संरक्षक' करार दिया, बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकती है. इस कदम से वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है, और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.

Pakistan-Balochistan: बलूच नेता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI, जिसे उन्होंने 'आतंकी संगठनों का संरक्षक' बताया, बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर सकती है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना और ISI को बलूचिस्तान के ट्रिलियन डॉलर के खनिज संसाधनों तक पहुंच देना एक रणनीतिक भूल होगी. बलूच ने यह भी स्पष्ट किया कि बलूचिस्तान में मौजूद तेल और खनिज भंडार पाकिस्तान का नहीं, बल्कि 'रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान' का है. मीर यार बलूच का यह बयान पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लेकर किए जा रहे दावों के खिलाफ था. उनका कहना था कि इन संसाधनों का लाभ पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी ISI नहीं, बल्कि बलूच जनता को मिलना चाहिए, जो कि अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने ट्रंप से यह अपील भी की कि वह पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व की नीयत को समझें और बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों का समर्थन करें.
पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व पर सवाल
मीर यार बलूच ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और उनकी कूटनीतिक टीम ने उन्हें गंभीर रूप से गुमराह किया है. बलूचिस्तान में स्थित विशाल तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और रेयर अर्थ मिनरल्स के खनिज भंडार पाकिस्तान के नहीं, बल्कि बलूचिस्तान के हैं. उनका कहना था, 'पाकिस्तान ने 1948 में बलूचिस्तान पर अवैध कब्जा किया था, और इन संसाधनों का उपयोग पाकिस्तान को नहीं, बलूचिस्तान के लोगों को करना चाहिए.'
ट्रंप की घोषणा और बलूचिस्तान के खनिज
हाल ही में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत वे पाकिस्तान के 'विशाल तेल भंडारों' का एक साथ विकास करेंगे. ट्रंप ने यह भी कहा कि 'हो सकता है कि एक दिन पाकिस्तान भारत को तेल बेचे.' हालांकि, ट्रंप की इस घोषणा से पहले ही उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की बात भी की थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनकी विदेश नीति में कई विरोधाभास थे.
ट्रंप को चेतावनी
मीर यार बलूच ने ट्रंप को आगाह करते हुए कहा, 'पाकिस्तानी सेना और ISI को बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों तक पहुंच देना एक बड़ी रणनीतिक भूल होगी. इससे ISI की वित्तीय और ऑपरेशनल क्षमता बढ़ेगी, और वह दुनिया भर में आतंकवादी नेटवर्क फैला सकती है, जिससे 9/11 जैसे हमलों की संभावना भी बढ़ जाएगी. 'बलूच ने कहा कि इन संसाधनों से बलूच जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि उनका उपयोग पाकिस्तान, भारत और इजराइल के खिलाफ जिहादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.
बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग
मीर यार बलूच ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका से अपील की कि वह बलूच जनता की स्वतंत्रता और उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार की वैध मांग को स्वीकार करे. उन्होंने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि वे बलूच लोगों की आजादी और उनकी जमीन व संपत्ति पर नियंत्रण के लिए चल रही लड़ाई को समर्थन दें.'


