पाकिस्तान की खुली पोल... ऑपरेशन महादेव में ढेर हुए आतंकी का PoK में निकला जनाजा
ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी ताहिर हबीब का जनाजा-ए-गायब गुलाम कश्मीर में निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. ताहिर पहले पाकिस्तानी सेना का जवान था और बाद में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़कर आतंकवाद की राह पर चल पड़ा था. पहलगाम हमले में उसने अहम भूमिका निभाई थी.

Pahalgam Attack: भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए आतंकवादी ताहिर हबीब का जनाजा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के काई गल्ला गांव में निकाला गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य, पूर्व पाकिस्तानी सैनिक और बुजुर्ग शामिल हुए. यह घटना उस वक्त सामने आई है जब इस आतंकी के शव के बिना ही उसका अंतिम संस्कार किया गया, जिसे जनाजा-ए-गायब कहा जाता है. यह घटना एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता रही थी. ताहिर हबीब का जनाजा निकाले जाने के साथ ही यह साबित हो गया कि पाकिस्तान और वहां के आतंकी संगठन भारतीय सीमाओं में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं.
ताहिर हबीब का आतंकवाद में योगदान
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ताहिर हबीब पूर्व में पाकिस्तानी सेना में जवान था और बाद में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया. बताया जाता है कि हबीब ने पहलगाम हमले में अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई थी. हबीब को इंटेलिजेंस रिकॉर्ड में 'अफगानी' के नाम से जाना जाता था, क्योंकि वह सदोई पठान समुदाय से ताल्लुक रखता था, जिसका इतिहास अफगानिस्तान और पूंछ विद्रोह से जुड़ा हुआ है.
ताहिर हबीब के जनाजा-ए-गायब की प्रक्रिया
जब ताहिर हबीब का जनाजा निकाला जा रहा था, तो लश्कर के कमांडर भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचा था. लेकिन, ताहिर के परिजनों ने उसे अंतिम संस्कार में भाग लेने से मना कर दिया, जिससे वहां एक छोटी सी झड़प भी हुई. इस दौरान गांव के स्थानीय लोग आतंकवादियों के सामूहिक बहिष्कार की योजना बना रहे थे. इससे यह संकेत मिलता है कि पीओके में भी आतंकवाद के खिलाफ विरोध की भावना मजबूत हो रही है, और पाकिस्तान में भी आतंक के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ने लगी है.
ऑपरेशन महादेव
भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत ऑपरेशन महादेव चलाया था. इसमें उन आतंकियों को मारा गया, जिन्होंने पहलगाम हमले को अंजाम दिया था. इस ऑपरेशन में आतंकियों की मौत के साथ ही भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान के आतंकवादी अभियानों को एक और बड़ा झटका दिया.


