कौन है 'बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी'? पाकिस्तान की नाक में कर रखा है दम, अब पूरी ट्रेन ही कर ली हाईजैक
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी ने कहर बरपाया हुआ है. इस अलगाववादी समूह ने बलूचिस्तान में एक ट्रेन को ही हाइजैक कर लिया है. इस ट्रेन में लगभग 500 यात्री सवार हैं. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि ट्रेन को एक सुरंग के अंदर रोका गया है. इसके अलावा फायरिंग में ट्रेन के ड्राइवर को गोली भी लगी है.

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पेशावर जाने वाली एक ट्रेन को हाइजैक करने की खबर सामने आई है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस हाइजैक में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का हाथ हो सकता है. बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर पेहरो कुनरी और गदालार के बीच गोलीबारी की खबरें आई हैं. रेलवे ट्रैफिक कंट्रोलर मुहम्मद काशिफ ने बताया कि ट्रेन के नौ डिब्बों में लगभग 500 यात्री सवार थे. उन्होंने बताया कि ट्रेन को सुरंग नंबर 8 में हथियारबंद लोगों ने रोक लिया और यात्रियों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. अब सवाल उठता है कि बलूच लिबरेशन आर्मी कौन है, जिसने पाकिस्तान में काफी हिंसा की है.
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) एक सशस्त्र समूह है जो बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करता है. यह संगठन बलूचिस्तान में सबसे पुराना अलगाववादी समूह है और 1970 के दशक में सामने आया था. इस संगठन ने जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार के दौरान बलूचिस्तान में सशस्त्र विद्रोह शुरू किया था, लेकिन जब सैन्य शासक जियाउल हक की सरकार आई, तो बलूच नेताओं के साथ बातचीत के बाद संघर्ष विराम हो गया. इसके बाद बलूचिस्तान में विद्रोह खत्म हो गया और BLA का अस्तित्व भी खत्म हो गया.
BLA फिर कैसे सक्रिय हुआ?
कारगिल युद्ध के बाद, पाकिस्तान के जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट किया. मुशर्रफ के आदेश पर 2000 में बलूचिस्तान हाईकोर्ट के जस्टिस नवाब मिरी की हत्या कर दी गई. इसके बाद बलूच लिबरेशन आर्मी फिर से सक्रिय हो गई. विशेषज्ञों का मानना है कि 2020 में BLA की आधिकारिक स्थापना हुई थी. इसके बाद से इस समूह ने बलूचिस्तान में कई सरकारी संस्थाओं और सुरक्षा बलों पर हमले शुरू कर दिए. ज्यादातर सदस्य मैरी और बुगती जनजाति से हैं, जो पाकिस्तान से क्षेत्रीय स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं.
अकबर खान बुगती की हत्या और बिगड़े हालात
सरदार अकबर खान बुगती बलूचिस्तान के सबसे बड़े नेता थे और बलूच लिबरेशन आर्मी के वरिष्ठ सदस्य थे. 26 अगस्त 2006 को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने उनकी हत्या कर दी, जिससे हालात और भी बिगड़ गए. इसके बाद नवाब खैर बख्श मिरी के बेटे बालाच मिरी को BLA का प्रमुख बनाया गया, लेकिन 2007 में उनकी भी हत्या कर दी गई. इसके बाद उनके भाई हीरबयार मिरी को BLA की कमान सौंपी गई, लेकिन वह कभी इस भूमिका को स्वीकार नहीं किया. इसके बाद असलम बलोच ने BLA की कमान संभाली.
BLA का उद्देश्य
BLA का मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान में विदेशी प्रभाव, खासकर चीन का विरोध करना है. उनका मानना है कि बलूचिस्तान के संसाधनों पर पहले हक वहां के लोगों का है. BLA का दावा है कि पाकिस्तान से पहले बलूचिस्तान एक स्वतंत्र देश था, लेकिन बंटवारे के समय पाकिस्तान में इसे शामिल कर लिया गया. इसके कारण बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान सरकार और सेना से संघर्ष करते आ रहे हैं. BLA ने पाकिस्तानी सेना पर कई बड़े हमले किए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं.


