बांग्लादेश में यूनुस सरकार का बड़ा एक्शन! 'ऑपरेशन डेविल हंट' की शुरुआत, शेख हसीना के समर्थकों पर शिकंजा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना के समर्थकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. 'ऑपरेशन डेविल हंट' के तहत, गाजीपुर में एक नेता के घर पर हुए हमले में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. छात्र संगठनों के विरोध के बाद, सरकार ने सेना को तैनात किया है और पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी है. इस ऑपरेशन का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है. जानें इस पूरी घटना के पीछे की सच्चाई और सरकार की अगली रणनीति!

'Bangladesh's 'Operation Devil Hunt': बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थकों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मोहम्मद युनूस की सरकार ने 'ऑपरेशन डेविल हंट' की शुरुआत की है, जिसके तहत हिंसा में शामिल लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. यह ऑपरेशन खास तौर पर ढाका के बाहरी इलाके में अवामी लीग के नेता के घर पर हुए हमले को लेकर शुरू किया गया है.
क्या था 'ऑपरेशन डेविल हंट'?
यह अभियान गाजीपुर में शुरू हुआ और इसका उद्देश्य अवामी लीग के समर्थकों द्वारा किए गए हमले में शामिल लोगों को पकड़ा जाना है. गाजीपुर में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एकेएम मोजम्मल हक के घर पर हमला किया गया था, जिसके बाद छात्र संगठनों ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इसके जवाब में मोहम्मद युनूस ने सेना के जवानों को बुलाकर ऑपरेशन की शुरुआत की.
हमले में छात्रों की हालत
गाजीपुर के इलाके में हुई हिंसा में कई छात्र घायल हो गए थे. पुलिस का कहना है कि जब उन्हें सूचना मिली, तो वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और छात्रों को बचाया. इस हमले के बाद, 15 छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर थी और उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज भेजा गया.
बीएनपी का संदेह और अलर्ट
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी, बीएनपी ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर शक जताया है. बीएनपी के नेताओं का मानना है कि यह सब एक “व्यापक साजिश” का हिस्सा हो सकता है. उनके मुताबिक, यह हिंसा आगामी चुनावों को प्रभावित करने के लिए की जा रही है.
कानून और व्यवस्था का दावा
इंटरिम सरकार के सलाहकार, मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने इस बात का वादा किया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें न्याय दिलवाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने “अवामी लीग के साथियों” पर भी कार्रवाई की मांग की.
आगे क्या होगा?
अब इस ऑपरेशन का असर पूरे बांग्लादेश में देखा जाएगा, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां पूरे देश में अपनी उपस्थिति बढ़ा सकती हैं. गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि देशभर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान विस्तार करेगा. यह एक जटिल राजनीतिक घटनाक्रम है, जिसमें केवल स्थानीय हिंसा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चुनावों पर भी असर पड़ सकता है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था को लेकर स्थिति कैसे बदलती है.


