बांग्लादेश में 'ऑपरेशन डेविल हंट' से मची हलचल, 1,300 से अधिक गिरफ्तार
बांग्लादेश में हाल ही में शुरू किए गए 'ऑपरेशन डेविल हंट' ने पूरे देश में हलचल मचा दी है. इस अभियान के तहत अब तक 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने यह कदम बढ़ती हिंसा और अशांति को रोकने के लिए उठाया है, विशेषकर उन लोगों के खिलाफ जो अवामी लीग के नेताओं और उनके समर्थकों को निशाना बना रहे थे.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश में बढ़ती हिंसा और अशांति पर नियंत्रण पाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. 'ऑपरेशन डेविल हंट' के तहत 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस राष्ट्रव्यापी अभियान का लक्ष्य अवामी लीग के नेताओं और उनके समर्थकों की संपत्तियों को निशाना बनाकर बढ़ती हिंसा को रोका जाना है. देशभर में हो रही इस कार्रवाई ने बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है.
इस ऑपरेशन की शुरुआत अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों और अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ हिंसा बढ़ने के बाद की गई. गाजीपुर में अवामी लीग के एक नेता के घर पर हमले की घटना के बाद, यह अभियान जोर-शोर से चलाया गया है. इसे सेना, पुलिस और विशेष इकाइयों के संयुक्त बलों द्वारा चलाया जा रहा है, जिनका लक्ष्य केवल अव्यवस्था फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है.
'ऑपरेशन डेविल हंट': हिंसा और अशांति पर नियंत्रण
मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में शुरू किया गया 'ऑपरेशन डेविल हंट' अब तक 1,308 लोगों की गिरफ्तारी के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. यह अभियान ढाका के गाजीपुर इलाके में हिंसक झड़पों के बाद शुरू हुआ था, जिसमें छात्र कार्यकर्ताओं की घायल होने की रिपोर्ट सामने आई थी. इसके बाद, हिंसा ने देश के अन्य हिस्सों में भी रुख किया, जिससे यह अभियान और भी जरूरी हो गया.
यह ऑपरेशन केवल एक सख्त कार्रवाई नहीं है, बल्कि एक सशक्त संदेश है कि सरकार उन लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी, जो देश की शांति और स्थिरता को प्रभावित करना चाहते हैं.
सत्ता की राजनीति और बढ़ती हिंसा
बांग्लादेश की राजनीति में हाल के दिनों में भारी उथल-पुथल देखी गई है. शेख हसीना को अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद से हिंसक विरोध प्रदर्शन और आंदोलन लगातार जारी हैं. इन प्रदर्शनों का आरंभ छात्रों के नेतृत्व वाले आरक्षण विरोधी आंदोलन से हुआ था, जो बाद में राजनीतिक संघर्ष का रूप ले लिया.
यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद से, अवामी लीग के नेता और उनकी पार्टी के समर्थक दोनों ही पक्षों से हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगीं. यही कारण है कि 'ऑपरेशन डेविल हंट' को शुरु किया गया, जो इन घटनाओं को रोकने और राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम साबित हो रहा है.
जिन्हें सरकार ने 'शैतान' कहा: अस्थिरता फैलाने वाले लोग
बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकारलेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने कहा, "यह अभियान उन लोगों को निशाना बनाएगा जो देश को अस्थिर करने के लिए बेताब हैं... यह तब तक जारी रहेगा जब तक सभी शैतानों को जड़ से उखाड़ नहीं दिया जाता." उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि सरकार की नजर केवल उन पर है जो कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
सरकार का यह कदम विपक्षी दलों के लिए एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि उन्होंने इसे 'फासीवादी' ताकतों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. हालांकि, अंतरिम सरकार इस अभियान को 'कानून और व्यवस्था बहाल करने' के प्रयास के रूप में देख रही है.
रैलियों और विरोध प्रदर्शन का आगाज
बांग्लादेश के प्रमुख विपक्षी दलबांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने सरकार से अपील की है कि वह "भीड़ संस्कृति" पर काबू पाएं और कानून-व्यवस्था को बहाल करें. इस बीच, पार्टी ने आगामी 11 फरवरी से राष्ट्रव्यापी रैलियों की योजना बनाई है, जिसमें बिगड़ती स्थिति पर प्रभावी कदम उठाने की मांग की जाएगी.


