भारत आएंगे चीनी विदेश मंत्री... तो वहीं ड्रैगन ने कर दिया बड़ा ऐलान, भारतीय व्यापारियों के एक्सपोर्ट को मिलेगा जबरदस्त बूस्ट!
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के कारण भारत को संभावित नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन चीन ने भारत से आयातित ऑप्टिकल फाइबर पर एंटी-डंपिंग शुल्क की समीक्षा शुरू करने का ऐलान किया है.

India China trade: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के असर के बीच भारत-चीन के व्यापारिक संबंधों में नई हलचल देखने को मिल रही है. अमेरिका की सख्त व्यापारिक नीतियों से भारत को संभावित नुकसान की आशंका के बीच, चीन ने ऐसा कदम उठाया है जो भारतीय निर्यातकों के लिए राहत और नए अवसर लेकर आ सकता है.
चीन के विदेश मंत्री जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं और इससे पहले चीन ने भारतीय कारोबारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत भेजा है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय (MOFCOM) ने भारत से आयातित सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर पर लगे एंटी-डंपिंग शुल्क की ‘सनसेट रिव्यू’ प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है.
2014 से जारी टैक्स की समीक्षा शुरू
चीन ने घोषणा की है कि 14 अगस्त 2025 से भारत पर लगाए गए 7.4% से 30.6% तक के एंटी-डंपिंग शुल्क की समीक्षा की जाएगी. ये टैक्स साल 2014 से लागू है और आखिरी बार 2020 में इसकी समीक्षा हुई थी, जिसके बाद इसे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था. अगर इस बार शुल्क हटाया या घटाया जाए, तो भारतीय कंपनियों के लिए चीन का विशाल बाजार खुल जाएगा और निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी संभव है.
टेलीकॉम और इंटरनेट सेक्टर को मिल सकता है बूस्ट
ऑप्टिकल फाइबर टेलीकॉम, इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर और हाई-स्पीड डेटा नेटवर्क का अहम हिस्सा है. पिछले एक दशक से भारी ड्यूटी भारतीय निर्माताओं के लिए चीन में प्रवेश की बड़ी बाधा बनी हुई थी. शुल्क में राहत मिलने से भारतीय टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बड़े ऑर्डर मिलने की संभावना है. चीन इस सेक्टर में दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, जिससे भारत के लिए नए अवसर बन सकते हैं.
भारत के लिए ‘सकारात्मक संकेत’
दिलचस्प बात ये है कि चीन का ये फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने उस पर आरोप लगाया है कि वो दुनिया भर में बंदरगाहों का नेटवर्क बनाकर वैश्विक व्यापार पर नियंत्रण, जासूसी और सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहा है. इन आरोपों को खारिज करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका 'चीन खतरे' का बेवजह प्रचार कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक रिश्तों में बाधा डाल रहा है. कूटनीतिक हलकों में चर्चा है कि भारत दौरे से पहले चीन का ये ‘सनसेट रिव्यू’ भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है. अगर नतीजा भारत के पक्ष में आता है, तो ये ना केवल ऑप्टिकल फाइबर उद्योग बल्कि भारत-चीन व्यापारिक संबंधों के लिए भी ‘रिवाइवल मोमेंट’ साबित हो सकता है.


