ऑपरेशन सिंदूर पर ब्रिटिश विश्लेषक की नजर: भारत ने दिखाया नया सैन्य रुख
किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डॉ. वाल्टर लैडविग ने ऑपरेशन पर टिप्पणी की है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाइयों को वैश्विक तनाव बताया.

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाइयों को लेकर किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डॉ. वाल्टर लैडविग ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. उन्होंने इसे दो परमाणु संपन्न देशों के बीच पहली बार हुआ ऐसा मामला बताया, जहां दोनों पक्षों ने लगातार हमले और जवाबी हमले किए. यह घटना वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बनी हुई है.
आतंकवादियों को दंडित करने की कार्रवाई
डॉ. लैडविग ने रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के लिए लिखे अपने विश्लेषण “कैलिब्रेटेड फोर्स: ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय प्रतिरोध का भविष्य” में कहा कि भारत ने हालिया कार्रवाई आतंकवादियों को दंडित करने के इरादे से की. न कि पाकिस्तान के साथ व्यापक युद्ध छेड़ने के लिए.
ऑपरेशन सिंदूर
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय वायुसेना ने अपनी आधुनिक सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया. 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली थी.
इसके बाद तीन रातों तक दोनों देशों के बीच हमले और पलटवार होते रहे. अंततः 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने सभी तरह की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई.
प्रोफेसर लैडविग के अनुसार, यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के लिए नया क्षेत्र है. क्योंकि दो परमाणु संपन्न देशों के बीच इस तरह की खुली सैन्य झड़पें पहले नहीं देखी गईं. उन्होंने इसे भारत की सुरक्षा नीति में स्पष्ट बदलाव का संकेत बताया.
भारत के लिए चुनौती
उन्होंने कहा कि भारत अब केवल आतंकी हमलों के पीछे सबूत इकट्ठा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह मान लिया गया है कि आतंकियों को सुरक्षित पनाह देना ही कार्रवाई का आधार बन सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस नीति का मतलब यह नहीं है कि भारत विश्व मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयासों को छोड़ दे. उन्होंने चेताया कि आतंकी समूह अब अधिक सतर्क हो जाएंगे, जिससे उनके ठिकानों का पता लगाना और मुश्किल हो सकता है. भारत के लिए चुनौती अब इस बिल्ली और चूहे के खेल में बढ़त बनाए रखने की होगी.


