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Canada Election 2025: कौन हैं मार्क कार्नी, क्या बने रहेंगे कनाडा के प्रधानमंत्री?

Mark Carney: कनाडा चुनाव 2025 में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी ने चौथी बार सत्ता में वापसी की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों और व्यापार युद्ध के बीच हुए इस चुनाव में कनाडाइयों ने कार्नी पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक और कार्यकाल सौंप दिया.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Mark Carney: कनाडा में हुए 45वें संघीय चुनाव में मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने बड़ी सफलता हासिल की है. प्रमुख ब्रॉडकास्टर्स के अनुमानों के अनुसार, कार्नी की पार्टी ने संसद में सबसे अधिक सीटें जीत ली हैं, हालांकि बहुमत मिलने को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है. यह ऐतिहासिक जीत लिबरल पार्टी के लिए चौथी सीधी विजय है, जो कनाडा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है.

प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने अप्रत्याशित वापसी की है. चुनाव से पहले तक कंजरवेटिव पार्टी की जीत की संभावनाएं जताई जा रही थीं, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और संप्रभुता पर खतरे की चेतावनियों ने कनाडाइयों में राष्ट्रवादी भावना को भड़का दिया, जिसका सीधा फायदा कार्नी को मिला.

कौन हैं मार्क कार्नी?

मार्क जोसेफ कार्नी का जन्म 16 मार्च 1965 को नॉर्थवेस्ट टेरिटोरीज के फोर्ट स्मिथ में हुआ था और वे अल्बर्टा के एडमंटन में बड़े हुए. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले कार्नी कनाडा के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके हैं. इसके अलावा वे 1694 में स्थापित बैंक ऑफ इंग्लैंड के पहले गैर-ब्रिटिश गवर्नर भी रहे हैं.

कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सलाहकार के रूप में भी काम किया और लिबरल पार्टी की आर्थिक विकास टास्कफोर्स के अध्यक्ष भी रहे. ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात उनकी पत्नी डायना फॉक्स से हुई थी, जो एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री हैं. दोनों के चार बच्चे हैं. दिलचस्प बात यह है कि कार्नी ने इससे पहले कभी भी कोई निर्वाचित पद नहीं संभाला था और वे संसद सदस्य भी नहीं रहे.

कैसे पहुंचे प्रधानमंत्री पद तक?

जनवरी में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री पद के लिए दौड़ में कदम रखा. अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने पूर्व कैबिनेट मंत्री कैरीना गोल्ड, पूर्व वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, और व्यवसायी एवं पूर्व लिबरल सांसद फ्रैंक बेलीस को हराकर यह पद हासिल किया. उनका प्रधानमंत्री बनना कनाडा के इतिहास में एक अनूठी घटना रही, क्योंकि उन्होंने बिना संसद सदस्य बने यह उपलब्धि हासिल की.

चुनाव अभियान और अमेरिकी संकट की भूमिका

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा पर टैरिफ लगाने और उसे अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की धमकियों ने इस चुनाव को असाधारण बना दिया. मार्क कार्नी ने संसद भंग कर समय से पहले चुनाव कराने का निर्णय लिया और जनता से समर्थन मांगा. उन्होंने कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संकट है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक कार्रवाइयों और संप्रभुता पर खतरे की वजह से उत्पन्न हुआ है." चुनाव प्रचार के दौरान कार्नी ने जोर देकर कहा था कि वे संकट के समय सबसे अधिक उपयोगी साबित होते हैं. उनके शब्दों में, "मैं संकट के समय सबसे उपयोगी हूं. शांति काल में उतना अच्छा नहीं हूं."

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29 April 2025, 11:24 AM IST

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