Explainer: सुप्रीम कोर्ट के आर्टिकल 370 पर फैसला सुनाने के बाद चीन भड़का! जानें लद्दाख को लेकर क्या कहा?

Article 370: भारत ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के निष्प्रभावी किया था और इसको दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था. उस दौरान चीन ने इस कदम की भारत की आलोचना की थी. 

Sachin
Sachin

हाइलाइट

  • आर्टिकल 370 पर SC के कदम हटाने के बाद चीन की प्रतिक्रिया आई सामने.
  • चीना बोला- लद्दाख पर हमने नहीं दी अनुमति

Article 370: भारत में वर्षों से चला आ रहा विवाद आर्टिकल 370 पर केंद्र सरकार के निष्प्रभावी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे वैध करार दिया है और कहा कि यह संवैधानिकता के साथ कदम उठाया है. शीर्ष अदालत ने जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा कहा है. अब इस पर चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है. चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा की भारत की आंतरिक अदालत के फैसले के बाद लद्दाख को लेकर चीन के रुख पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. 

लद्दाख को चीन नहीं दी मान्यता: चीनी विदेश मंत्रालय 

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से आर्टिकल 370 समाप्त होने के बाद लद्दाख मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चीन ने कभी केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को मान्यता नहीं दी है. इसका गठन अवैध और एकतरफा भारत ने किया है. उन्होंने कहा कि भारत की आंतरिक अदालत इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि चीन-भारत की सीमा पर लद्दाख का हिस्सा भारत में है. 

साल 2019 में केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 निष्प्रभावी की 

भारत ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के निष्प्रभावी किया था और इसको दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था. उस दौरान चीन ने इस कदम की भारत की आलोचना की थी. चीन ने इस मुद्दे पर कहा था कि ऐसा करके भारत ने एकतरफा कानून का संशोधन किया है. साल 2020 में जब लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच टकराव हुआ था. तब चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों में दाखिल हो गई थी, जिनको भारत अपना मानता आया है. इस घटना के बाद ही एलएसी पर तनाव बढ़ गया था और दोनों देशों ने अपनी भारी संख्या में सेना तैनात कर दी थी. 

लद्दाख का मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपटारा करना चाहिए: माओ निंग

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने लद्दाख पर बात रखने के साथ कश्मीर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तानी पत्रकार ने सुप्रीम कोर्ट के आर्टिकल 370 पर आदेश सुनाने के बाद चीनी प्रवक्ता से उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी. जिसके बाद निंग ने साफतौर से कहा कि चीन का कश्मीर पर रुख बिल्कुल स्पष्ट है. उन्होंने कहा था कि कश्मीर का मामला शांतिपूर्ण ढंग से और यूएन चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के बाद द्विपक्षीय समझौतों के तहत सही ढंग से सुलझाया जाया जाना चाहिए. 

सीमा पर स्थिरता और शांति बनी रहे: चीन 

माओ निंग यह भी कहा कि दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके से संवाद करके मामले पर गंभीरता के साथ सुलझाना चाहिए. ताकि सीमा पर स्थिरता के साथ शांति भी बनी रहे. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता की प्रतिक्रिया आने के बाद भारत की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. वहीं, पाकिस्तान सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास ने अनुच्छेद 370 पर भारत सराकर के रुख पर आलोचना की थी और कहा कि भारत की ओर 5 अगस्त 2019 में उठाए गए कदम बिल्कुल एकतरफा और अवैध था. इसको अंतर्रास्ट्रीय कानून नहीं मानता है. 

ओआईसी ने की आलोचना 

इन सबके अलावा ओआईसी के सदस्यों देशों ने भी भारतीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी चिंता जाहिर की थी. वहीं, ओआईसी के बयान को खारिज करते बहुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था. साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओआईसी ने मानवाधिकारों का उल्लंघन करने और सीमा पर लड़ाई करने वाले की तरफ यह बयान दिया है.  

calender
15 December 2023, 10:50 AM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो