हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई से चीन नाराज़, शिक्षा के राजनीतिकरण का आरोप
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग अंतरराष्ट्रीय छात्रों और शोधकर्ताओं के वैध अधिकारों और हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

अमेरिका द्वारा हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों के नामांकन पर रोक लगाने के फैसले पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस कदम की निंदा करते हुए इसे शिक्षा का राजनीतिकरण बताया.
माओ निंग ने की प्रेस वार्ता
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि चीन हमेशा से शैक्षणिक सहयोग के राजनीतिकरण का विरोध करता रहा है. अमेरिका की यह कार्रवाई उसकी अंतर्राष्ट्रीय छवि और साख को नुकसान पहुंचाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि बीजिंग विदेशी छात्रों और विद्वानों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करेगा.
ट्रंप प्रशासन द्वारा हार्वर्ड विश्वविद्यालय को छात्र और विनिमय आगंतुक कार्यक्रम (SEVP) के तहत प्रमाणन रद्द करने की कार्रवाई के कुछ घंटों बाद चीन की यह प्रतिक्रिया आई. इस निर्णय के चलते हार्वर्ड अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को नामांकित नहीं कर पाएगा और वर्तमान विदेशी छात्रों को या तो अन्य संस्थान में स्थानांतरित होना पड़ेगा या फिर वे अपने वीज़ा की वैधता खो बैठेंगे.
क्रिस्टी नोएम का आरोप
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने एक पत्र में आरोप लगाया कि हार्वर्ड ने अपने परिसर में हिंसा और यहूदी विरोधी विचारों को बढ़ावा दिया है और साथ ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी छात्रों को प्रवेश देना कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है.
अमेरिका और चीन के जटिल संबंध
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने इस फैसले को "ग़ैरकानूनी" करार देते हुए कहा है कि वह 140 से अधिक देशों के छात्रों और विद्वानों के लिए खुले वातावरण को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. नेशनल सेंटर फॉर एजुकेशन स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, हार्वर्ड में कुल छात्रों का लगभग 27% अंतरराष्ट्रीय हैं. यह कदम न केवल शिक्षा जगत में हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि अमेरिका और चीन के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना रहा है.


