धन्यवाद दिल्ली, फिर मिलेंगे...अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी के 'GOAT India Tour' का हुआ समापन
लियोनेल मेस्सी की भारत यात्रा का अंतिम पड़ाव दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में शानदार रूप से संपन्न हुआ. मेस्सी ने स्पेनिश में प्रशंसकों को धन्यवाद कहा और भारत में मिले प्रेम का अनुभव साझा किया. उन्होंने मैदान का दौरा किया, मिनर्वा एकेडमी टीम को सम्मानित किया और इंटर मियामी के साथ फुटबॉल खेला.

नई दिल्ली : फुटबॉल की दुनिया के भगवान लियोनेल मेस्सी का भारत दौरा अपने अंतिम चरण में दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में पहुंचा. मेस्सी की यह यात्रा, जो कोलकाता में एक अव्यवस्थित शुरुआत के बाद शुरू हुई थी, अपने उचित अंत तक पहुंची. स्टेडियम में दर्शकों की भारी भीड़ जमा थी, जबकि कुछ भारतीय हस्तियां और गणमान्य व्यक्ति मैदान के अंदर मौजूद थे. उनके आगमन ने दिल्ली में फुटबॉल प्रेमियों के लिए उत्साह और उल्लास का माहौल पैदा कर दिया.
"धन्यवाद दिल्ली! जल्द ही फिर मिलेंगे
मैदान पर मेस्सी का जलवा
मेस्सी ने स्टेडियम का दौरा करते हुए 7x7 सेलिब्रिटी मैच का आनंद लिया. दर्शकों ने उनके नाम के जयकारे लगाए, कई लोग अर्जेंटीना के नीले और सफेद जर्सी पहनकर आए थे. मेस्सी ने इंटर मियामी के साथी खिलाड़ियों लुइस सुआरेज़ और रोड्रिगो डे पॉल के साथ गोलियाँ मैदान की ओर किक की और मिनर्वा एकेडमी फुटबॉल टीम को सम्मानित किया. यह दौरा पूरी तरह से मेस्सी के चारों ओर केंद्रित था, और उन्होंने हर गतिविधि में सहजता दिखाई.
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के अंत में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, आईसीसी के अध्यक्ष जय शाह, डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली और पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान भाइचुंग भूटिया मेस्सी के साथ उपस्थित रहे. इस दौरान मेस्सी ने भारतीय फुटबॉल और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का संदेश भी दिया.
2:30 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे
मेस्सी की दिल्ली यात्रा मुंबई से उड़ान में देरी के कारण थोड़ी देर से शुरू हुई. घने कोहरे के कारण उनका चार्टर विमान तय समय पर नहीं उतर सका और वे दोपहर 2:30 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे. इसके बाद उन्होंने लीला पैलेस होटल में सीमित संख्या में आमंत्रित लोगों से मुलाकात की.
मेस्सी की यह भारत यात्रा भारतीय फुटबॉल प्रेमियों और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी. उनका स्टेडियम दौरा, प्रशंसकों के साथ संवाद और भारतीय फुटबॉल से जुड़ी गतिविधियां दर्शाती हैं कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि भावनाओं और एकजुटता का माध्यम भी हो सकता है.


