बीजिंग के पास चीन बन रहा सुपर फौजी किला, परमाणु बम भी नहीं कर पाएगा नुकसान
चीन एक बार फिर अपनी सैन्य तैयारियों को लेकर दुनियाभर की नजरों में आ गया है. बीजिंग से महज 30 किलोमीटर दूर चीन एक ऐसा 'सुपर मिलिट्री किला' तैयार कर रहा है, जो आकार में अमेरिकी पेंटागन से 10 गुना बड़ा है और जिसके नीचे ऐसा बंकर है जो परमाणु बम, मिसाइल और भीषण भूकंप तक झेल सकता है.

2027 तक अपनी सेना को अमेरिका जैसी सैन्य ताकत में बदलने के मिशन पर निकले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अब एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम करवा रहे हैं, जिसने अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. बीजिंग से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर चीन एक ऐसा मिलिट्री बेस बना रहा है, जो सिर्फ आकार में ही नहीं, सुरक्षा के लिहाज से भी पूरी दुनिया के लिए चुनौती बन सकता है. इस 'बीजिंग मिलिट्री सिटी' को अमेरिकी पेंटागन से 10 गुना बड़ा बताया जा रहा है और इसके नीचे ऐसा अंडरग्राउंड बंकर बनाया जा रहा है, जो परमाणु बम, मिसाइल और भीषण भूकंप तक झेल सके.
अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट्स से यह भी सामने आया है कि ये बेस चीन के पुराने वेस्टर्न हिल्स मिलिट्री सेंटर की जगह ले सकता है. रिपोर्ट्स और सैटेलाइट इमेज के आधार पर दावा किया गया है कि यह ठिकाना भविष्य में तीसरे विश्व युद्ध जैसे हालात में PLA यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का नया मुख्यालय बन सकता है.
अमेरिकी पेंटागन से 10 गुना बड़ा मिलिट्री किला
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजिंग के नजदीक बनाया जा रहा यह सैन्य बेस ‘बीजिंग मिलिट्री सिटी’ चीन का सबसे बड़ा डिफेंस प्रोजेक्ट है. यह आकार में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ‘पेंटागन’ से करीब 10 गुना बड़ा है. यह प्रोजेक्ट 2022 में एक सामान्य रिहायशी क्षेत्र और खाली ज़मीन से शुरू हुआ था, लेकिन 2024 तक इस इलाके की तस्वीर ही बदल गई.
जमीन के नीचे हैरान कर देने वाला बंकर
सबसे चौंकाने वाली बात इस बेस के नीचे बनाए जा रहे उस अंडरग्राउंड बंकर की है, जिसे तीसरे विश्व युद्ध जैसे हालात में PLA का ऑपरेशनल हैडक्वार्टर बनाया जा सकता है. इस बंकर में सुरंगों का जाल है, बेहद मजबूत कंक्रीट की परतें हैं और यह न्यूक्लियर अटैक से लेकर भूकंप तक को झेलने की क्षमता रखता है. सैटेलाइट तस्वीरों में एक साथ 100 से ज्यादा क्रेनों के काम करने की पुष्टि हुई है, जो इसकी भव्यता को दर्शाता है.
2027 तक अमेरिका जैसी ताकत बनने का लक्ष्य
शी जिनपिंग पहले ही PLA को 2027 तक एक आधुनिक और अमेरिका जैसी सेना बनाने की योजना सार्वजनिक कर चुके हैं. इस लक्ष्य के तहत न केवल सैन्य तकनीक और हथियारों में तेजी से उन्नति हो रही है, बल्कि ऐसे गुप्त सैन्य बेस भी तैयार किए जा रहे हैं जो किसी भी आपात या युद्धकालीन स्थिति में चीन की कमान संभाल सकें. यह नया बेस इस रणनीति की अहम कड़ी माना जा रहा है.
चीन का इनकार, लेकिन सुरक्षा इंतजाम दे रहे गवाही
हालांकि चीन की सरकार इस प्रोजेक्ट की पुष्टि नहीं करती. चीनी दूतावास ने किसी भी ऐसे निर्माण की जानकारी होने से इनकार किया है. लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट्स कुछ और ही बयान करती हैं. साइट के चारों ओर भारी सुरक्षा है. ड्रोन और कैमरों पर सख्त पाबंदी है. यहां तक कि आसपास की सभी हाइकिंग ट्रेल्स भी हटा दी गई हैं ताकि किसी को पास आने का मौका ही न मिले.
चीन के इरादे क्या कह रहे हैं?
इस तरह के बंकर और सैन्य निर्माण चीन के रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामक इरादों की ओर इशारा करते हैं. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और ताइवान को लेकर चीन की जो रणनीतिक चिंता है, उसके चलते वह खुद को किसी भी संभावित बड़े युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार कर रहा है.


