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चीन-पाकिस्तान का नया रणनीतिक कदम: CPEC का विस्तार अब अफगानिस्तान तक

चीन ने पाकिस्तान संग मिलकर एक नया कूटनीतिक कदम उठाया है. बीजिंग में पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. बैठक के बाद घोषणा की गई कि चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का दायरा अफगानिस्तान तक बढ़ाया जाएगा.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

भारत और तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर एक नया कूटनीतिक कदम उठाया है. बीजिंग में पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद यह घोषणा की गई कि अब चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का दायरा अफगानिस्तान तक बढ़ाया जाएगा. इस निर्णय का उद्देश्य अफगानिस्तान को भारत से दूर करना और पाकिस्तान के साथ उसके संबंधों को मजबूत करना माना जा रहा है.

चीन और पाकिस्तान सक्रिय

बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी शामिल हुए. CPEC के विस्तार के अलावा, यह भी तय हुआ कि अगली त्रिपक्षीय बैठक अफगानिस्तान में आयोजित की जाएगी. विश्लेषकों का मानना है कि अफगानिस्तान द्वारा भारत और ईरान के सहयोग से विकसित चाबहार पोर्ट में रुचि दिखाने के बाद चीन और पाकिस्तान सक्रिय हुए हैं. इससे पहले पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान शासन के तहत उसे अफगानिस्तान में अधिक प्रभाव मिलेगा, लेकिन वैसा नहीं हुआ. अब चीन इस शून्य को भरने की कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान ने चीन को क्या जानकारी दी? 

इस बैठक के दौरान पाकिस्तान ने चीन को भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी भी दी, जिसमें भारतीय सेना ने पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया और करीब 100 आतंकियों को मार गिराया. गौर करने वाली बात यह भी है कि तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता देने वाले देशों में चीन सबसे आगे रहा है. वहीं, भारत ने CPEC को लेकर हमेशा आपत्ति जताई है क्योंकि इसका एक हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जो विवादित क्षेत्र है.

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21 May 2025, 03:51 PM IST

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