गजब! इस देश में अब 70 की उम्र में होगी रिटायरमेंट, कर्मचारी बोले- अब तो मौज ही मौज
डेनमार्क ने रिटायरमेंट की उम्र 70 साल करने का फैसला लिया है. संसद में पेश बिल के मुताबिक, यह नियम 1970 के बाद जन्मे लोगों पर लागू होगा. यह दुनिया के सबसे उच्चतम रिटायरमेंट एजों में से एक होगा.

Retirement age in Countries: दुनिया के ज़्यादातर देशों में सरकारी नौकरी करने वालों की रिटायरमेंट यानी सेवानिवृत्ति की उम्र 55 से 65 साल के बीच होती है. लेकिन यूरोप के देश डेनमार्क ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल करने का फैसला लिया है.
डेनमार्क की संसद में एक नया कानून पास हुआ है, जिसके तहत अब नौकरी से रिटायर होने की उम्र 70 साल हो जाएगी. ये कानून 81 वोटों से पास हुआ, जबकि इसके खिलाफ सिर्फ 21 वोट पड़े. ये नियम उन सभी लोगों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर 1970 के बाद पैदा हुए हैं. यानी अब देश में धीरे-धीरे रिटायरमेंट की उम्र बढ़ती जाएगी. 2030 तक ये उम्र 67, 2035 तक 69 और आखिर में 70 साल हो जाएगी.
क्यों लिया गया ऐसा फैसला?
डेनमार्क ने रिटायरमेंट की उम्र को देश की औसत जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) के साथ जोड़ दिया है. यानी लोग जितनी लंबी उम्र जी रहे हैं, उसी हिसाब से रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ाई जा रही है. 2006 से ये समीक्षा हर पांच साल में की जा रही है.
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सेन की तारीफ भी हो रही है और आलोचना भी. कुछ लोग मानते हैं कि ये एक समझदारी भरा कदम है जिससे देश की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. लेकिन कई लोगों का कहना है कि हर किसी के लिए 70 साल तक काम करना मुमकिन नहीं होता, खासकर जो लोग मेहनत वाले (ब्लू कॉलर) काम करते हैं. श्रमिक संगठनों ने कहा है कि ये फैसला कहीं न कहीं नौकरियां न देने और पेंशन से बचने की कोशिश है. हर किसी को एक उम्र के बाद अपने परिवार और नाती-पोतों के साथ समय बिताने का हक है.
रिटायरमेंट एज अन्य देशों में
- नॉर्वे: 62 से 67 साल
- स्वीडन: 63 साल
- इटली: 67 साल
- स्पेन: 66.5 साल
- अमेरिका: 62 से 69 साल (अलग-अलग विभागों में अलग उम्र)
- ब्राजील-कनाडा: 65 साल
- भारत: 60 से 65 साल
- पाकिस्तान: 60 साल
- सऊदी अरब: 60 साल
- चीन: 63 साल
- जापान: 64 साल
- इजरायल: 67 साल
स्कैंडेनेवियाई देश क्या हैं?
डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन को स्कैंडेनेवियाई देश कहा जाता है. इन देशों की आर्थिक स्थिति मजबूत मानी जाती है. यहां की सरकारें शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं मुफ्त में देती हैं. इन्हें दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में भी गिना जाता है.


