पाकिस्तान के सिंध में पहली बार चीनी सुरक्षा बलों की तैनाती, भारत के लिए बढ़ा खतरा
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में चीन ने अपनी निजी सुरक्षा कंपनियों को तैनात किया है. यह कदम वहां चीनी नागरिकों पर हुए हमलों के बाद उठाया गया है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह तैनाती की गई, जो तनाव का कारण बन रही है.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हाल के दिनों में सरकार और सेना के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है. बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में पहले से ही ऐसे प्रदर्शन होते रहे हैं, लेकिन अब सिंध में भी स्थिति गंभीर होती जा रही है. यहां तक कि चीनी नागरिकों पर हमले भी हुए हैं, जिसके बाद चीनी सुरक्षा कंपनियों की तैनाती बढ़ गई है. यह घटनाक्रम पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और भारत के लिए सुरक्षा चिंताओं का कारण बन रहा है.
सिंध में बढ़ते विरोध और सुरक्षा संकट
सिंध प्रांत में सरकार विरोधी प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं. विशेष रूप से, चीनी नागरिकों पर हमले की घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. इन हमलों के बाद, पाकिस्तान की सरकार ने चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा उपायों की घोषणा की है. इसके तहत, सिंध पुलिस ने चीनी परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों को सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया है.
चीन की सुरक्षा कंपनियों की तैनाती
चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, चीन ने अपनी तीन निजी सुरक्षा कंपनियों—Dewe Security Frontier Service Group, China Overseas Security Group, और Huaxin Zhongshan Security Service—को पाकिस्तान में तैनात किया है. ये कंपनियां पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और अन्य परियोजनाओं में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी.
भारत के लिए सुरक्षा चिंताएं
पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति भारत के लिए गंभीर सुरक्षा चिंताओं का कारण बन रही है. चीन की सुरक्षा कंपनियों की तैनाती और पाकिस्तान को सैन्य सहायता प्रदान करने से, भारत की सीमा पर निगरानी और हमले की क्षमताएं बढ़ सकती हैं. इसके अतिरिक्त, चीन और पाकिस्तान के बीच खुफिया सहयोग से भारतीय क्षेत्र में सीमा पार निगरानी का खतरा बढ़ गया है.


