आसमान खा गया या जमीन निगल गई, उड़ान भरते ही लापता हो गया विमान...22 दिन बाद भी नहीं मिला कोई सुराग
2 अगस्त 2025 को ऑस्ट्रेलिया में एक हल्का विमान दो यात्रियों और उनके कुत्ते के साथ बास स्ट्रेट के ऊपर रहस्यमय तरीके से लापता हो गया. पायलट ग्रेगरी वॉन अनुभवी था, लेकिन कोई आपातकालीन संकेत नहीं भेजा गया. 22 दिन की खोज के बाद भी मलबा या कोई सुराग नहीं मिला. यह घटना मलेशियाई फ्लाइट MH370 जैसी रहस्यमयी उड़ानों की याद दिला रही है.

Australia Missing Plane 2025 : मलेशियाई फ्लाइट MH370, जो 8 मार्च 2014 को कुआलालंपुर से बीजिंग जाते समय रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी, उसकी गूंज अब फिर से सुनाई दे रही है. उस विमान में 239 लोग सवार थे और अब तक कोई स्पष्ट कारण या मलबा नहीं मिला है. ठीक वैसी ही रहस्यमयी घटना ऑस्ट्रेलिया में 2 अगस्त 2025 को सामने आई, जिसने एक बार फिर लोगों को उसी डर और जिज्ञासा में डाल दिया है.
2 लोगों और पालतू कुत्ते के साथ विमान गायब
22 दिनों बाद भी नहीं मिला कोई सुराग
विमान के लापता होने के बाद परिवार ने शाम तक कोई सूचना न मिलने पर अलार्म बजाया, और तभी से तलाश अभियान शुरू कर दिया गया. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने उत्तर तस्मानिया, बास स्ट्रेट और विक्टोरिया के इलाकों में हेलिकॉप्टर, नौकाओं और जहाजों की मदद से व्यापक तलाशी अभियान चलाया. परंतु अब तक न तो विमान का मलबा मिला है, न कोई आपातकालीन सिग्नल और न ही दुर्घटना के कोई अन्य संकेत.
क्या हुआ आखिरी समय में? सवालों में घिरी पुलिस
तस्मानिया पुलिस के इंस्पेक्टर निक क्लार्क ने बताया कि ग्रेगरी वॉन एक अनुभवी पायलट था. ऐसे में यह और अधिक हैरान करने वाली बात है कि विमान के लापता होने से पहले कोई इमरजेंसी कॉल या एसओएस सिग्नल तक नहीं भेजा गया. इस रहस्य ने जांच एजेंसियों को उलझा कर रख दिया है. घटना का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आने से यह मामला MH370 जैसी रहस्यमयी उड़ानों की श्रेणी में खड़ा होता जा रहा है.
अब भी जारी है तलाश, रहस्य बरकरार
हालांकि विमान लापता हुए 22 दिन बीत चुके हैं, पर खोज अभियान अभी भी जारी है. अधिकारी हर संभव माध्यम से संकेत या मलबे की तलाश में जुटे हैं. लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, इस घटना के इर्द-गिर्द रहस्य और चिंता गहराती जा रही है. यह मामला एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि आधुनिक तकनीक और सटीक सिस्टम के बावजूद कुछ उड़ानें अब भी रहस्य बनकर क्यों रह जाती हैं.


