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क्या राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने का हक? ट्रंप की नीति पर अमेरिकी अदालत में आज फैसला संभव

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आपातकालीन शक्तियों के तहत लगाए गए टैरिफ की वैधता पर अमेरिकी अपील अदालत में सवाल उठे हैं. जजों ने पूछा कि क्या IEEPA कानून वास्तव में राष्ट्रपति को ऐसा अधिकार देता है या ट्रंप ने अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ अब कानूनी घेरे में आ गए हैं. वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकी अपील अदालत में गुरुवार को जजों ने सवाल उठाया कि क्या ये टैरिफ राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों के अंतर्गत वाजिब थे या उन्होंने अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है. यह मामला उस निचली अदालत के फैसले से जुड़ा है, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप ने आयातित वस्तुओं पर अत्यधिक टैरिफ लगाकर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया.

ये मामला अब अमेरिकी संघीय सर्किट की अपील अदालत में विचाराधीन है, जहां अप्रैल में चीन, कनाडा और मैक्सिको सहित कई व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए टैरिफ की वैधता को चुनौती दी गई. इन फैसलों को अमेरिका के छोटे व्यापारियों और डेमोक्रेटिक शासित 12 राज्यों ने मिलकर अदालत में चुनौती दी थी.

अदालत में उठे तीखे सवाल

अदालत में सुनवाई के दौरान 5 छोटे व्यवसायों और 12 डेमोक्रेटिक राज्यों द्वारा लाए गए मामलों पर बहस हुई. सुनवाई के दौरान जजों ने सरकारी वकील ब्रेट शुमेट से ये स्पष्ट करने को कहा कि आखिर ट्रंप को अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) के तहत शुल्क लगाने की पावर कैसे मिली.

क्या है IEEPA कानून?

IEEPA यानी International Emergency Economic Powers Act साल 1977 में लागू हुआ एक अमेरिकी कानून है, जिसका इस्तेमाल ऐतिहासिक रूप से दुश्मन देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने या उनकी संपत्तियों को जब्त करने के लिए किया गया है. दिलचस्प बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप इस कानून का उपयोग शुल्क (टैरिफ) लगाने के लिए करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं.

'IEEPA में टैरिफ का जिक्र तक नहीं' – जज

सुनवाई के दौरान जजों ने शुमेट के तर्कों को कई बार काटते हुए गहन सवाल पूछे. एक जज ने स्पष्ट रूप से कहा कि IEEPA टैरिफ का जिक्र तक नहीं करता. वहीं, वकील शुमेट ने तर्क दिया कि यह कानून राष्ट्रपति को आपातकालीन स्थितियों में असाधारण अधिकार देता है, जिसमें वह आयात को पूरी तरह से रोक भी सकते हैं.

जजों ने जताई आपत्ति

जजों ने वकील शुमेट से ये भी पूछा कि क्या टैरिफ लगाना वास्तव में 'आयात को विनियमित' करने की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि संविधान के तहत टैरिफ और टैक्स लगाने का अधिकार कांग्रेस के पास है, ना कि राष्ट्रपति के पास. टैरिफ को चुनौती देने वाले राज्यों और व्यवसायों का भी यही तर्क था कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ IEEPA की सीमाओं से बाहर हैं और यह सत्ता के संतुलन को तोड़ता है.

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01 August 2025, 01:52 PM IST

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