सावलकोट के बाद अब दुलहस्ती प्रोजेक्ट, 260 मेगावाट बिजली उत्पादन की तैयरी...सिंधु जल समझौते पर हुए फैसले से PAK को लगी मिर्ची
चिनाब नदी पर दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को भारत से मंजूरी मिलने पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है. पाक सांसद शेरी रहमान ने इसे सिंधु जल समझौते का उल्लंघन बताते हुए भारत पर पानी को हथियार बनाने का आरोप लगाया. भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद समझौता स्थगित कर स्पष्ट किया है कि आतंकवाद पर कार्रवाई तक कोई वार्ता नहीं होगी.

नई दिल्ली : चिनाब नदी पर दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण पर काम करने की मंजूरी भारत सरकार के पर्यावरण विभाग की एक समिति ने दी है. इस प्रोजेक्ट के लिए 27 तारीख को ही मंजूरी दे दी गई थी. जिसके बाद से पाकिस्तान को मिर्ची लगी हुई है. पाकिस्तान की सांसद और पूर्व मंत्री शेरी रहमान ने इस मामले पर सवाल उठाए हैं इसके साथ ही भारत पर पानी को हथियार बनाने का आरोप भी लगाया है. रहमान ने आगे कहा कि पानी को हथियार बनाना पूरी तरह से गलत है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.
आपको बता दें कि शेरी रहमान ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'ऐसा करना सिंधु जल समझौते का उल्लंघन है. भारत सरकार ने दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट स्टेज-2 को मंजूरी दी है. ऐसा करना बिल्कुल गलत है. सिंधु जल समझौते के तहत कोई भी फैसला एकतरफा तौर पर नही लिया जा सकता. सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान का चिनाव, झेलम और सिंधु नदी के जल पर अधिकार है. वहीं भारत का अधिकार सतलुज, ब्यास और रावी नदी पर है.' इसके आगे रहमान लिखती है कि भारत ने अवैध तौर पर सिंधु जल समझौते को स्थगित किया है.
भारत ने कई ऐसी विवादित परियोजनाओं को बढ़ाने में तेजी दिखाई है. इन प्रोजेक्ट्स में रेटल, बड़सर, पाकल डुल, क्वार, कीरू, किरथाई और सावलकोट शामिल हैं. इसी के तहत अब दुलहस्ती प्रोजेक्ट स्टेज-2 भी शामिल है.
धर्म पूछकर 22 लोगों को उतारा मौत के घाट
दरअसल, इस साल 22 अप्रैल को पाकिस्तान के द्वारा पहलगाम में किए गए आतंकी हमले में धर्म पूछकर 22 पर्यटकों का कत्ल कर दिया गया था. इस हमले में पाकिस्ताना के ही आतंकवादी शामिल थे. जिसके बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था. जिसके बाद से भारत की ओर से अब किसी नदी में पानी छोड़ने या रोकने की जानकारी भी साझा नहीं की जा रही है. वहीं ऐसा करने पर पाकिस्तान ने कई बार शिकायत भी की है, लेकिन इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार कह चुके है कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते है. इससे यह पूरी तरह से स्पष्ट होता है कि सिंधु जल समझौते को लेकर भारत सरकार का रुख क्या है.
दुलहस्ती प्रोजेक्ट के तहत 260 मेगावाट बिजली उत्पादन...
बता दें कि भारत सरकार ने जिस दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी है, उसके तहत 260 मेगावाट बिजली उत्पादन की तैयारी है. इससे पहले भी सावलकोट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को इसी नदी पर बनाने की तैयारी है. इसकी क्षमता 1856 किलोवाट बताई जा रही है. दरअसल, भारत सरकार ने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि जब तक आतंकी ठिकानों पर पाकिस्तान के द्वारा ऐक्शन नहीं लिया जाएगा, तब तक सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान से कोई भी बातचीत नहीं
की जाएगी.


