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अंडमान और निकोबार में हिली धरती, 5.4 की तीव्रता से आया भूकंप

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप से धरती हिल गई है. भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप के झटके 12.06 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) महसूस किए गए है. 

Anuj Kumar
Edited By: Anuj Kumar

नई दिल्ली: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भूकंप से धरती हिल गई है. भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप के झटके 12.06 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) महसूस किए गए है. 

आपको बता दें कि भूकंप का केंद्र अंडमान निकोबार के Diglipur से 126 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में सतह से 90 किलोमीटर गहराई में बताया जा रहा है. अभी तक भूंकप से नुकसान व किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है. अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने व सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है.

घबराकर घरों से निकले लोग

आपको बता दें कि भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए. राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है. विशेषज्ञों के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है.

जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर के अंत में तिब्बत में भी भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई थी. यह भूकंप धरती की सतह से करीब 10 किलोमीटर की गहराई में आया था. उससे एक दिन पहले भी हल्के झटके महसूस किए गए थे.

बड़े नुकसान की खबर नहीं

फिलहाल, किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है. हालांकि, विशेषज्ञ बताते हैं कि उथले भूकंप (shallow earthquakes) आमतौर पर ज्यादा खतरनाक होते हैं, क्योंकि उनकी तरंगें बहुत जल्दी जमीन की सतह तक पहुंच जाती हैं. इस वजह से जमीन में अधिक कंपन होता है और इमारतों को ज्यादा नुकसान*पहुंचने की संभावना रहती है.
 

भूकंप के कारण

पिछले कुछ समय से भारत या अन्य देशों के अलग-अलग इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी दिखी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स होती है, जो अपने स्थान पर लगातार घूमने का कार्य करती है. इस दौरान कभी-कभी टेक्टोनिक प्लेट्स में टकराव या घर्षण होता जाता है, जिसके कारपण भूकंप की घटनाएं हो जाती है. कई बार भूकंप की तीव्रता कम होती है और कई बार ज्यादा तीव्रता होती है. ज्यादा तीव्रता होने पर आम लोगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. 

 

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09 November 2025, 12:47 PM IST

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