पूर्व अमेरिकी NSA ने खोली ट्रंप की टैरिफ नीतियों की पोल, भारत-पाक सीजफायर दावों को भी ठुकराया
पूर्व अमेरिकी NSA जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए इसे अनुचित और असंगत व्यवहार बताया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप का भारत-पाक शांति स्थापित करने का दावा वास्तविकता पर आधारित नहीं है. बोल्टन ने भारत को अमेरिका के साथ दीर्घकालिक संबंधों को प्राथमिकता देने और ट्रंप के कार्यकाल को केवल अस्थायी कारक मानने की सलाह दी.

Trump Tariffs on India: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर टैरिफ नीति की तीखी आलोचना की है. बोल्टन ने इसे अनुचित और ट्रंप के असंगत व्यवहार का उदाहरण बताया. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.
बोल्टन ने यह भी कहा कि ट्रंप द्वारा पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का दावा करना सही नहीं है. भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि यह समझौता दोनों देशों के मिलिट्री ऑपरेशन डायरेक्टर्स (DGMO) के सीधी वार्ता के परिणामस्वरूप हुआ था.
#WATCH | Washington, DC: On India-US relations trade negotiations, former National Security Advisor of the United States, John Bolton says, "... It seems to me that the two sides are not that far apart and continued negotiations will lead to an agreement. I hope to try to look… pic.twitter.com/FqU0ZZ2UzQ
— ANI (@ANI) September 13, 2025
टैरिफ और रूस से तेल और हथियारों की खरीद पर असंगति
बोल्टन ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत पर भारी टैरिफ लगाने का ट्रंप का निर्णय असंगत व्यवहार को दर्शाता है. उन्होंने यह भी बताया कि चीन, तुर्की और पाकिस्तान जैसे बड़े खरीदारों के खिलाफ कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वाशिंगटन में इस बात को लेकर काफी चिंता थी कि दोनों टैरिफ मुद्दे और कश्मीर में पिछले आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में शांति लाने का श्रेय ट्रंप द्वारा लेना, अनुचित था."
पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% प्रतिशोधात्मक टैरिफ और रूस से ऊर्जा व्यापार पर अतिरिक्त 25% शुल्क की घोषणा की थी. बोल्टन ने कहा कि ये उपाय सामान्य व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं हैं बल्कि रूस के यूक्रेन पर अकारण आक्रमण के विरोध में ट्रंप की नीतियों का परिणाम हैं.
भारत को दी गई रणनीतिक सलाह
पूर्व सुरक्षा सलाहकार ने भारत को सुझाव दिया कि वह अमेरिकी संबंधों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाए. बोल्टन ने कहा कि ट्रंप की कार्यकाल केवल तीन-चार साल की है और इस दौरान भारत को राष्ट्रीय हित के अनुसार फैसले लेने चाहिए. उन्होंने कहा, "भारत को ट्रंप को एक अस्थायी कारक के रूप में देखना चाहिए, अपने राष्ट्रीय हित के अनुरूप निर्णय लेना चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि उनके कार्य व्यापक अमेरिकी दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं." उन्होंने भारत सरकार की शांत और परिपक्व प्रतिक्रिया की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक टकराव से बचना और बैक-चैनल कूटनीति अपनाना सबसे प्रभावी तरीका था.
ट्रंप की रणनीति पर सवाल
बोल्टन ने कहा कि ट्रंप की नीतियां न केवल भारत बल्कि अन्य करीबी साझेदारों के प्रति भी असंगत हैं. यह घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए केवल एक नाटकीय प्रदर्शन है. उनका मानना है कि ऐसे कदमों ने अमेरिका की विश्वसनीयता को कमजोर किया है.
बोल्टन ने भारत से कहा कि वह दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाए और ट्रंप के कार्यकाल के दौरान होने वाले नुकसान को न्यूनतम करते हुए भविष्य में संबंधों को फिर से मजबूत करे.


