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बांग्लादेश में हादी की मौत के बाद उग्र हिंसा, मीडिया और अल्पसंख्यकों में भय का माहौल

युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत से बांग्लादेश में हिंसा का माहौल बन गया है, खासकर राजधानी ढाका और देश के दूसरे हिस्सों में। सिंगापुर में इलाज के दौरान हादी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक होते जा रहे हैं, जिसमें मीडिया आउटलेट्स, अल्पसंख्यक समुदायों और राजनीतिक संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है।

Yogita Pandey
Edited By: Yogita Pandey

नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजधानी ढाका और देश के कई हिस्सों में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा का माहौल देश को झकझोर रहा है.हादी की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत के बाद शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक एंगल भी लेते दिख रहे हैं, जिसमें मीडिया, अल्पसंख्यक समुदाय और राजनीतिक संस्थानों को निशाना बनाया गया है.

हादी की मौत और विरोध की शुरुआत

शरीफ उस्मान हादी, जो बांग्लादेश में एक प्रमुख युवा और लोकतंत्र समर्थक चेहरे के रूप में उभर रहे थे, को 12 दिसंबर को गोली मार दी गई थी.गंभीर रूप से घायल हादी को ढाका से सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर 2025 को उनकी मौत हो गई.हादी की मौत ने देश भर में भारी आक्रोश और गहरा दुख पैदा कर दिया.

उनकी मौत की खबर सामने आते ही ढाका की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया.विरोध में शामिल लोगों ने भड़काऊ कार्रवाइयों को अंजाम देना शुरू कर दिया, जिनमें मीडिया संस्थानों के कार्यालयों पर हमला, समाचार पत्रों के दफ्तरों को आग के हवाले करना और कई जगहों पर हिंसा फैलना शामिल रहा है.

ढाका की मौजूदा स्थिति: शांति या भय?

अभी ढाका की सड़कों पर ऊपर से शांति दिखाई देती है, लेकिन यह शांति डर और अनिश्चितता से भरी हुई है.राजधानी के कई इलाकों में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात हैं, लेकिन सामान्य जीवन में भय का माहौल कायम है.कुछ हिस्सों में मीडिया और पत्रकारों को खुद को असुरक्षित महसूस करना पड़ रहा है.

विशेष रूप से 'प्रथोम आलो' और 'द डेली स्टार' जैसे प्रमुख अखबारों के दफ्तरों पर भीड़ ने हमला किया और आग लगा दी, जिससे मीडिया कर्मियों में गंभीर चिंता व्याप्त है.कई पत्रकारों को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागने की नौबत भी आई.

अल्पसंख्यकों की चिंता

भविष्य में संभावित हिंसा को लेकर अल्पसंख्यक समुदायों में डर है.ढाका के निवासी घरों में बंद हैं और कुछ समुदायों को अपने आसपास सुरक्षा की कमी का अनुभव हो रहा है.यह दोनों संकेत उस तनावपूर्ण सामाजिक स्थिति को दर्शाते हैं जो हादी की मौत के बाद पैदा हुई है.

राजनीतिक और चुनावी परिप्रेक्ष्य

बांग्लादेश 12 फरवरी 2026 को होने वाले संसदीय चुनावों की तैयारी कर रहा है और हादी की मौत ने राजनीतिक रूप से तेजी से तापमान बढ़ा दिया है.स्थिति स्थिर न होने के कारण सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है, लेकिन विरोध प्रदर्शन और हिंसा के संकेत अभी भी बने हुए हैं.

आगे की स्थिति पर नजर

हालात लगातार बदल रहे हैं और बांग्लादेश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता दिख रहा है.देश में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सवाल भी उठ रहे हैं, खासकर जब मीडिया और नागरिक समाज पर निशाना साधा जा रहा है.

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21 December 2025, 02:20 PM IST

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