नेपाल में पूर्व PM के घर में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग, पत्नी को जिंदा जलाया!
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़का आंदोलन हिंसा में बदल गया, जहां पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी रबी लक्ष्मी चित्रकार जिंदा जल गईं और पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा.

Nepal Protest: नेपाल में पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के घर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया, जिसमें उनकी पत्नी रबी लक्ष्मी चित्रकार जिंदा जल गईं. इस घटना ने ना केवल नेपाल की सियासत को हिला कर रख दिया बल्कि 'जनरेशन-Z विरोध आंदोलन' को और उग्र बना दिया.
दरअसल, सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ ये आंदोलन अब भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े जनाक्रोश में बदल चुका है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि नेताओं के घरों, संसद भवन और संवेदनशील ठिकानों पर हिंसक हमले लगातार जारी हैं.
पूर्व पीएम की पत्नी की दर्दनाक मौत
स्थानीय मीडिया के अनुसार, राजधानी काठमांडू के डलु इलाके में स्थित झलनाथ खनाल का घर मंगलवार को भीड़ ने जला दिया. अंदर मौजूद उनकी पत्नी रबी लक्ष्मी बुरी तरह झुलस गईं और अस्पताल ले जाने के बावजूद उन्होंने दम तोड़ दिया. यह घटना नेपाल में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का अब तक का सबसे भयावह रूप मानी जा रही है.
ओली का इस्तीफा और नेताओं पर हमले
प्रदर्शनकारी लगातार नेताओं के घरों को निशाना बना रहे हैं. इसी बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी अपने ही घर में आगजनी के बाद तत्काल इस्तीफा दे दिया. राजधानी की सड़कों पर वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल का पीछा कर भीड़ ने उन्हें लात-घूंसों से बेरहमी से पीटा. इन दृश्यों ने पूरे देश को झकझोर दिया है.
कैसे भड़का आंदोलन?
सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ने युवा पीढ़ी को भड़का दिया. सोमवार से शुरू हुए विरोध में पुलिस फायरिंग में 19 प्रदर्शनकारी मारे गए. भले ही सरकार ने मंगलवार को बैन हटा लिया, लेकिन आंदोलन रुकने के बजाय और उग्र हो गया. गुस्साई भीड़ ने संसद भवन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास पर हमले किए और काठमांडू एयरपोर्ट तक बंद करवाने पर मजबूर कर दिया.
स्थिति काबू से बाहर होती देख सेना के हेलिकॉप्टर उतारे गए, जिनके जरिए कई मंत्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. लेकिन इन तमाम कदमों के बावजूद प्रदर्शनकारियों का आक्रोश कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहा है.
'जनरेशन-Z प्रोटेस्ट' की जड़
इस आंदोलन को “Gen Z Protests” कहा जा रहा है. इसका सूत्रपात तब हुआ जब सरकार ने फेसबुक, एक्स और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट्स को आधिकारिक रजिस्ट्रेशन और निगरानी के दायरे में लाने का आदेश दिया. हालांकि प्रतिबंध हटाया जा चुका है, लेकिन भ्रष्टाचार, सत्ता-वर्ग के प्रति गुस्सा और मारे गए प्रदर्शनकारियों की मौत ने आंदोलन को नया ईंधन दे दिया है.


