जस्टिन ट्रूडो से लेकर जॉर्जिया मेलोनी तक...ट्रंप-जेलेंस्की विवाद पर क्या बोले यूरोपीय नेता?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की के साथ हुई तीखी बहस के बाद यूक्रेन को दुनियाभर से समर्थन मिल रहा है. यूरोपीय देशों ने जेलेंस्की का समर्थन किया है. इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी समेत कई देशों ने राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की है. बता दें कि ट्रंप और जेलेंस्की के बीच ओवल में बैठक हुई. दोनों शीर्ष नेताओं की मीटिंग बहस में बदल गई.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार हुई बहस अब सिर्फ अमेरिका से ही नहीं दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप, कांग्रेस और अमेरिकी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके देश के लोगों को शांति की आवश्यकता है और वह इसके लिए काम कर रहे हैं.
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यूक्रेन की बात सुनी जाए और कोई भी इसे न भूले, न तो युद्ध के दौरान और न ही उसके बाद. यूक्रेन के लोगों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे अकेले नहीं हैं, कि उनके हितों का प्रतिनिधित्व हर देश में, दुनिया के हर कोने में किया जाता है."
कनाडा यूक्रेन के साथ खड़ा है
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा. "रूस ने अवैध और अनुचित तरीके से यूक्रेन पर आक्रमण किया. पिछले तीन सालों से यूक्रेन के लोग रूस के साथ लड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए उनकी लड़ाई एक ऐसी लड़ाई है जो हम सभी के लिए मायने रखती है. कनाडा न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने में यूक्रेन और यूक्रेन के लोगों के साथ खड़ा रहेगा."
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "रूस हमलावर है. मुझे लगता है कि तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करना और रूस पर प्रतिबंध लगाना और ऐसा करना जारी रखना हमारे लिए सही था. हम, यानी संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय, कनाडाई, जापानी और कई अन्य. हमें उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने मदद की है और उन लोगों का सम्मान करना चाहिए जो शुरू से ही लड़ रहे हैं. क्योंकि वे अपनी गरिमा, अपनी स्वतंत्रता, अपने बच्चों और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं. ये साधारण बातें हैं, लेकिन ऐसे समय में उन्हें याद रखना अच्छा है, बस इतना ही."
अमेरिका और यूरोप के बीच हो शिखर सम्मेलन
इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने आज की चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय राज्यों और सहयोगियों के बीच तत्काल शिखर सम्मेलन का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पश्चिम का हर विभाजन हमें कमजोर बनाता है और उन लोगों का पक्षधर है जो हमारी सभ्यता का पतन देखना चाहते हैं. इसकी शक्ति या प्रभाव का नहीं, बल्कि उन सिद्धांतों का, जिन्होंने इसे स्थापित किया, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण स्वतंत्रता का. विभाजन से किसी को कोई लाभ नहीं होगा.
मेलोनी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय राज्यों और सहयोगियों के बीच एक तत्काल शिखर सम्मेलन की आवश्यकता है, जिसमें खुलकर बात की जाए कि हम आज की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटना चाहते हैं, इसकी शुरुआत यूक्रेन से करें, जिसका हमने हाल के वर्षों में एक साथ बचाव किया है, और वे जिनका सामना हमें भविष्य में करना होगा. यह वह प्रस्ताव है जिसे इटली आने वाले घंटों में अपने सहयोगियों के सामने रखना चाहता है.
रूस का साम्राज्यवादी इरादा
आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने कहा कि हम यूक्रेन के साथ तब तक खड़े रहेंगे, जब तक ऐसा करना आवश्यक होगा, क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाम व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व वाली एक सत्तावादी सरकार का संघर्ष है, जिसके स्पष्ट रूप से साम्राज्यवादी इरादे हैं, न केवल यूक्रेन पर, बल्कि पूरे क्षेत्र पर."


