मलबे से फिर उठ रही नफरत की इमारत, पाकिस्तान दोबार खड़ा कर रहा हाफिज का आतंकी अड्डा
7 मई को Indian Airstrike में तबाह हुआ मुरीदके का वो ठिकाना, जिसे हाफिज सईद की आतंक की पाठशाला कहा जाता था, अब फिर से खड़ा किया जा रहा है. Pakistan इसे ‘सेवा केंद्र’ बताकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश में जुटा है.

International News: 7 मई 2025 को जब भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के छह रणनीतिक ठिकानों पर एक के बाद एक हमले किए, तो उनमें सबसे चर्चित था पंजाब प्रांत के मुरीदके में स्थित वह परिसर, जो कभी लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर माना जाता था. करीब 27 हेक्टेयर में फैले इस विशाल परिसर को एक दशक पहले तक आतंकी संगठन का पालना कहा जाता रहा है. भारत का दावा है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के पीछे जिस नेटवर्क का हाथ था, उसका संचालन इसी ठिकाने से होता रहा है.
हाफिज की विरासत पर गिरा भारतीय मिसाइलों का कहर
मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और वैश्विक आतंक की प्रतीक बन चुका हाफिज सईद इसी परिसर से अपनी विचारधारा फैलाता था. यही वह मरकज़ था, जहां से हजारों युवाओं को कट्टरपंथ की ट्रेनिंग दी गई. भारत वर्षों से इस ठिकाने पर निगरानी रख रहा था और पहलगाम हत्याकांड के बाद यह रणनीतिक टारगेट बना.
पाकिस्तान की ‘सेवा केंद्र’ वाली सफाई
जैसे ही भारत ने इस पर निशाना साधा, पाकिस्तान ने तत्काल इसे एक ‘शैक्षिक एवं सेवा केंद्र’ घोषित कर दिया. इस परिसर के वर्तमान व्यवस्थापक मोहम्मद अजम ने जापानी समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि यहां किसी प्रकार की आतंकी गतिविधि नहीं होती. उनका दावा है कि इस केंद्र में मस्जिद, स्कूल, हॉस्टल, हेल्थ क्लिनिक और व्यावसायिक शिक्षा दी जाती है. उन्होंने कहा कि परिसर अब पूरी तरह सरकारी निगरानी में है और हर गतिविधि पर नज़र रखने के लिए विभागीय अधिकारी तैनात हैं.
हमला हुआ, मौतें हुईं... फिर भी पाकिस्तान के सुर बदले नहीं
हमले में तीन कर्मचारी मारे गए. अजम का कहना है कि ये लोग आखिरी समय तक परिसर में ही जमे रहे. मिसाइल से परिसर की छतें उड़ गईं, दीवारें ढह गईं, लेकिन पाक प्रशासन का कहना है कि यह केंद्र फिर से शुरू होगा.
नाम बदला, इतिहास नहीं
1987 में हाफिज सईद द्वारा स्थापित यह परिसर पहले ‘मरकज़-ए-तैयबा’ के नाम से जाना जाता था. 2019 में सईद की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान सरकार ने इसे जब्त कर लिया और नाम बदलकर 'गवर्नमेंट हेल्थ एंड एजुकेशन कॉम्प्लेक्स शेखूपुरा' रख दिया. वर्तमान में यहां दो स्कूलों में 1400 छात्र और एक मदरसे में 650 छात्र पढ़ रहे हैं.
भारत का स्पष्ट संदेश: अब बर्दाश्त नहीं
भारतीय स्ट्राइक केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था—अब आतंक की हर जड़ पर हमला होगा, चाहे वह कितनी भी सजी-संवरी क्यों न लगे. पाकिस्तान के लिए यह सिर्फ एक इमारत हो सकती है, लेकिन भारत के लिए यह उन 26 नागरिकों की चित्कार है, जिनकी चीखें इस परिसर की नींव तक पहुंच गईं.


