गाजा के नागरिकों पर हमले की योजना बना रहा हमास- अमेरिका का दावा
Middle East conflict: अमेरिकी विदेश विभाग ने हमास द्वारा फिलिस्तीन में नागरिकों पर हमले की चेतावनी दी. इज़राइल ने राफा क्रॉसिंग खोलने से इनकार किया, जबकि नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम तभी सफल होगा जब हमास का निरस्त्रीकरण पूरा होगा. सुरक्षा, बंधकों की वापसी और हथियार नियंत्रण चुनौती बने हुए हैं.

Middle East conflict: अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को चेतावनी दी कि उसके पास हमास द्वारा फिलिस्तीन के कुछ हिस्सों में नागरिकों के खिलाफ हमले रचने की विश्वसनीय रिपोर्ट मौजूद है. विभाग ने कहा है कि यदि यह रिपोर्ट सही साबित होती है और ऐसे हमले किए जाते हैं, तो यह इजराइल और हमास के बीच हालिया युद्धविराम समझौते का सीधा और गंभीर उल्लंघन होगा. बयान में यह भी कहा गया कि इस तरह की किसी भी कार्रवाई का असर गाजा में रहने वाले आम लोगों की सुरक्षा और संघर्ष विराम की रक्षा पर गहरा पड़ेगा, और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. विभाग ने हालांकि इन आरोपित योजनाओं के सटीक विवरण सार्वजनिक नहीं किए.
ट्रंप की टिप्पणियां
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले ही हमास से हथियार छोड़ने और गाजा में जिन लोगों को बंधक बनाया गया था, उनके शव लौटाने का आग्रह कर रखा है. ट्रंप ने कटाक्ष में कहा था कि यदि हमास गैरकानूनी हत्याएं जारी रखता है तो अमेरिका के पास सीधे कार्यवाही करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचेगा, एक तरह की सैन्य हस्तक्षेप की चेतावनी. बाद में उन्होंने यह स्पष्ट भी किया कि अमेरिकी सेना को अंदर भेजने वाली तत्काल कार्रवाई का अर्थ वह नहीं निकालना चाहिए कि अमेरिकी सैनिक बिना समन्वय के सीधे किसी ऑपरेशन में उतरेंगे. उन्होंने परिस्थितियों और संबद्ध पक्षों के हस्तक्षेप का हवाला दिया.
राफा क्रॉसिंग और बंधकों के शरीर रुकावट का कारण
इसी पृष्ठभूमि में इजरायल ने मिस्र से जुड़ी राफा सीमा-क्रॉसिंग खोलने से इनकार कर दिया है, जबकि मिस्र और संबंधित प्रतिनिधियों ने इसे जल्द खोलने की संभावना जताई थी. इजराइल ने स्पष्ट किया है कि राफा खोलने का निर्णय इस बात से जुड़ा हुआ है कि क्या हमास युद्धविराम की शर्तों के अनुरूप सभी 28 मृत इज़राइली बंधकों के पार्थिव शरीर लौटाता है या नहीं. इस शर्त को पूरा किए बिना सीमा पार humanitarian और वाणिज्यिक आवाजाही सामान्य नहीं होने पाएगी, इजरायली पक्ष ने कहा.
नेतन्याहू का कड़ा रुख
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी युद्धविराम की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गाजा में सेना की कार्रवाई का समापन केवल तभी संभव होगा जब युद्धविराम के अगले चरण में हमास का निरस्त्रीकरण पूरा हो जाएगा. उनका कहना था कि इस चरण का मकसद केवल हथियारों को जब्त करना ही नहीं, बल्कि गाजा पट्टी के दीर्घकालिक विसैन्यीकरण को सुनिश्चित करना भी है. नेतन्याहू का मानना है कि यदि यह प्रक्रिया शांति से सम्पन्न हो सके तो संघर्ष का समापन अपेक्षाकृत सरल होगा, अन्यथा यह कठिन रास्ते से ही घटेगा.
जटिल संतुलन
इन बातों के बीच एक नाजुक संतुलन बना हुआ है. एक ओर युद्धविराम लागू है और दूतावास-स्तर के समझौते हुए हैं, दूसरी ओर आरोप-प्रत्यारोप, सुरक्षा चिंताएँ और मानवीय आवश्यकताएं उसे कुंद करती जा रही हैं. अमेरिका जैसी वैश्विक शक्तियों की चेतावनियां और मध्यस्थों की मौजूदगी इस तनावपूर्ण ढांचे को कुछ हद तक नियंत्रित कर रही हैं, पर स्थायी शांति के रास्ते पर कई अनसुलझे मुद्दे अभी भी लंबित हैं. बंधकों की वापसी, पार्थिव शरीरों का आदान-प्रदान, सीमा पार सहायता तथा हमास के हथियारों का भविष्य. ये सभी कारक आगे की बातचीत और क्षेत्रीय सुरक्षा के स्वरूप को तय करेंगे.


