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ऐतिहासिक दिन...'दोनों देशों की साझेदारी को मिलेगी नई गति', ब्रिटेन के साथ FTA डील पर बोले पीएम मोदी

भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौता किया, जिससे व्यापार 34 बिलियन डॉलर तक बढ़ेगा. इससे भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलेगा, ब्रिटिश उत्पाद सस्ते होंगे, किसानों और एमएसएमई को फायदा होगा और मत्स्य पालन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक एवं सामाजिक संबंधों को मजबूत करेगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाना और द्विपक्षीय व्यापार को सालाना 34 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है. इसके साथ ही 2030 तक यह व्यापार बढ़कर 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस समझौते को औपचारिक रूप दिया गया.

भारतीय निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

इस समझौते के तहत भारतीय निर्यातकों को लगभग 99% टैरिफ लाइनों पर शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी. इससे भारतीय वस्तुओं की ब्रिटेन में पहुंच और प्रतिस्पर्धा की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी. अधिकारियों का कहना है कि इससे श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, जूते, रत्न-आभूषण, समुद्री खाद्य और इंजीनियरिंग सामानों को ब्रिटेन के बाजार में नई गति मिलेगी.

ब्रिटिश उत्पाद होंगे और सस्ते

एफटीए के बाद भारत में ब्रिटेन से आयात होने वाले उत्पादों जैसे कि व्हिस्की, कारें, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधनों की कीमतों में कमी आएगी. आयात शुल्क में कटौती से ये उत्पाद अब अधिक किफायती दरों पर भारतीय बाजार में उपलब्ध होंगे. इससे उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिलेंगे और व्यापार का दायरा भी बढ़ेगा.

किसानों और एमएसएमई को मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री मोदी ने इसे सिर्फ़ एक व्यापारिक नहीं, बल्कि साझा समृद्धि की दिशा में उठाया गया कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारतीय किसानों, मछुआरों और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को विशेष लाभ होगा. हल्दी, काली मिर्च, इलायची, आम का गूदा, दालें और अचार जैसे उत्पाद अब बिना शुल्क के ब्रिटेन को निर्यात किए जा सकेंगे. इससे किसानों की आय और लाभ मार्जिन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

मत्स्य पालन और तटीय राज्यों को भी लाभ

इस समझौते से भारत के तटीय राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु को भी फायदा होगा. झींगा, टूना और मछली चारे जैसे उत्पादों पर अब ब्रिटेन में शुल्क नहीं लगेगा. इससे मछलीपालन क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में नई पहचान मिलेगी.

ब्रिटेन की ओर से बड़ी उपलब्धि

ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर ने कहा कि यह समझौता ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण व्यापारिक करार है. उन्होंने इसे भारत और ब्रिटेन के आर्थिक रिश्तों के लिए नया युग बताया.

भारतीय प्रवासियों का योगदान

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों की सराहना की और कहा कि वे दोनों देशों के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने उनके योगदान को संस्कृति, खेल और जनसेवा तक विस्तारित बताया.

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24 July 2025, 05:07 PM IST

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