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कैसे अमेरिका का चहेता बन गया पाकिस्तान? ट्रंप-असीम मुनीर की सीक्रेट डील से उठा पर्दा!

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हुई एक सीक्रेट डील में ट्रंप परिवार की क्रिप्टो कंपनी और पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर की अहम भूमिका सामने आई है.

हाल के दिनों में पाकिस्तान पर अमेरिका की ओर से की जा रही मेहरबानी को लेकर हर कोई हैरान है. लेकिन अब इस रहस्य से पर्दा उठ चुका है. एक सीक्रेट डील के तहत, अब अमेरिका पाकिस्तान के प्रति पहले से कहीं ज्यादा नरम और मददगार हो गया है. ये डील अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर से जुड़ी हुई है. ये डील ना केवल पाकिस्तान की राजनीति को प्रभावित कर सकती है, बल्कि इससे दोनों देशों के रिश्तों में नया मोड़ भी आ सकता है.

इस डील के बारे में हाल ही में मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया कि अमेरिका की एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी और पाकिस्तान की हाल ही में बनी क्रिप्टो काउंसिल के बीच एक बड़ा सौदा हुआ. इस सौदे में ट्रंप परिवार की निजी कंपनी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है. 

अमेरिकी कंपनी और पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के बीच सौदा

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की एक निजी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी 'वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल' और पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल के बीच एक बड़ा समझौता हुआ. ये कंपनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार से जुड़ी हुई है, जिसमें ट्रंप के बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर के साथ-साथ उनके दामाद जैरेड कुश्नर की सामूहिक हिस्सेदारी है. ये कंपनी क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन निवेश के क्षेत्र में काम करती है. इस सौदे के तहत पाकिस्तान ने इस कंपनी के साथ एक लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) पर हस्ताक्षर किए थे.

डिजिटल क्रांति का केंद्र बनाने का प्लान

अप्रैल 2025 में पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने 'वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल' के साथ समझौता किया था. पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल का उद्देश्य इस्लामाबाद को दक्षिण एशिया का क्रिप्टो राजधानी बनाना है. इसके लिए, बिनांस के संस्थापक चांगपेंग झाओ को इस काउंसिल का सलाहकार नियुक्त किया गया था, ताकि इसे वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता मिल सके. रिपोर्ट के अनुसार, सौदे की जांच के लिए अमेरिकी टीम का नेतृत्व कंपनी के संस्थापक ज़ैकरी विटकॉफ़ ने किया, जो डोनाल्ड ट्रंप के लंबे समय से व्यापारिक साझेदार और अमेरिकी मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ के बेटे हैं.

पाकिस्तान में ब्लॉकचेन तकनीक 

वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल और पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि इस डील के बाद पाकिस्तान के बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों में ब्लॉकचेन तकनीक को इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है. इसके तहत डिजिटल तरीके से संपत्तियों को बदलने, नई डिजिटल करेंसी (स्टेबलकॉइन) बनाने और ऑनलाइन वित्तीय योजनाओं (DeFi) के लिए एक सुरक्षित सिस्टम तैयार करने की योजना है. इसका मकसद पाकिस्तान में लोगों को ज्यादा से ज्यादा डिजिटल सेवाएं देना और वहां की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाना है.

पाकिस्तान पर अमेरिकी नीति में बदलाव

ये सौदा और अमेरिका की पाकिस्तान पर बढ़ती मेहरबानी, राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल के मुकाबले एक बड़ा बदलाव दिखाती है. ट्रंप के पहले कार्यकाल में पाकिस्तान पर कड़ी नीतियां लागू की गई थी और पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डाला गया था. इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा और देश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कड़ी आर्थिक मदद नहीं मिल पाई. अब अमेरिकी रुख में बदलाव और ये नई डील पाकिस्तान को संकट से बाहर निकालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है.

वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की प्रतिक्रिया

हालांकि इस सौदे के बारे में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि इसमें कोई राजनीतिक मंशा नहीं है. लेकिन पाकिस्तान सरकार और अमेरिकी ट्रंप परिवार के बीच ये डील कई सवाल उठाती है. ट्रंप परिवार और पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के बीच इस डील को लेकर लगातार चर्चा हो रही हैं.

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16 May 2025, 12:50 PM IST

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