score Card

अपमानित किया गया, साइड लाइन भी हुए...बीच में ही पद छोड़ना चाहते हैं बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार द्वारा उपेक्षा और अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि वे चुनाव होने के बाद पद छोड़ना चाहते हैं. यूनुस से मतभेद, सेना प्रमुख से संपर्क और आगामी चुनाव में बीएनपी-जमात की बढ़त भी प्रमुख मुद्दे रहे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि वे अपने पांच वर्ष के कार्यकाल को पूरा करने से पहले ही पद छोड़ना चाहते हैं. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार ने उन्हें अपमानित किया है और महत्वहीन बना दिया है.

75 वर्षीय शहाबुद्दीन देश के सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ भी हैं, हालांकि बांग्लादेश में राष्ट्रपति का पद परंपरागत रूप से औपचारिक माना जाता है. वास्तविक कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के पास होती हैं. लेकिन 2024 में छात्र-आंदोलन के बाद हालात बदल गए, जब लंबे समय से सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भारत भागना पड़ा. संसद भंग होने के बाद संवैधानिक रूप से शासन की जिम्मेदारी राष्ट्रपति पर ही रह गई.

यूनुस की अंतरिम सरकार से नाराजगी

शहाबुद्दीन ने आरोप लगाया कि अंतरिम प्रशासन ने उन्हें किनारे कर दिया है. उन्होंने बताया कि पिछले सात महीनों से उनकी मुलाकात यूनुस से नहीं हुई. इतना ही नहीं, उनका आधिकारिक प्रेस विभाग भी हटा दिया गया. सितंबर में दुनिया भर के बांग्लादेशी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों से राष्ट्रपति की तस्वीरें हटाए जाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की तस्वीरें एक रात में गायब कर दी गईं. इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाता है कि शायद राष्ट्रपति को हटा दिया गया है. यह मेरे लिए बेहद अपमानजनक था. उन्होंने यूनुस को पत्र लिखकर इस घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण मांगा, मगर कोई जवाब नहीं मिला. शहाबुद्दीन के अनुसार, “मेरी आवाज़ को दबा दिया गया है.” रॉयटर्स के सवालों पर यूनुस की टीम ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी.

अब पद पर बने रहने की इच्छा नहीं

ढाका में अपने आधिकारिक आवास से दिए इंटरव्यू में शहाबुद्दीन ने कहा कि वे केवल नए चुनाव होने तक ही पद पर बने रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं हटना चाहता हूं. लेकिन संविधान के अनुसार चुनाव तक मेरे पद पर बने रहने की जिम्मेदारी है. शहाबुद्दीन को 2023 में अवामी लीग के उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध चुना गया था. बाद में हसीना और उनकी पार्टी को फरवरी 2025 के चुनाव में हिस्सा लेने से रोक दिया गया.

सेना प्रमुख से नियमित संपर्क

राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि उनका सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान से लगातार संपर्क बना हुआ है. ज़मान ने आश्वासन दिया है कि सेना का सत्ता पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है, जबकि बांग्लादेश में सैन्य हस्तक्षेपों का इतिहास लंबा रहा है. जमान पहले भी कह चुके हैं कि उनका लक्ष्य लोकतांत्रिक शासन वापस स्थापित करना है.

शहाबुद्दीन के मुताबिक, आंदोलन के शुरुआती दिनों में कुछ छात्र समूहों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन हाल के महीनों में किसी राजनीतिक दल ने ऐसा नहीं कहा.

आगामी चुनाव की दिशा

जब उनसे पूछा गया कि क्या शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद उनसे संपर्क किया, तो राष्ट्रपति ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने यह जरूर कहा कि पद संभालने के बाद से वे किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े और स्वतंत्र रहकर काम किया है.

जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, आगामी सरकार के गठन की दौड़ में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी सबसे आगे दिखाई देती हैं. दोनों दल 2001 से 2006 तक गठबंधन कर सरकार चला चुके हैं.

calender
12 December 2025, 07:39 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag