भारत-अमेरिका संबंधों पर मोदी–ट्रंप की बातचीत तेज, व्यापारिक तनाव के बीच रणनीतिक साझेदारी पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने टेलीफोन बातचीत में भारत-अमेरिका व्यापार, रणनीतिक साझेदारी, रक्षा व तकनीकी सहयोग पर चर्चा की. व्यापारिक तनाव के बावजूद दोनों देशों ने संबंध मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई, जबकि कृषि उत्पादों पर मतभेद अब भी बने हुए हैं.

नई दिल्लीः भारत और अमेरिका के बीच जारी व्यापारिक तनाव के बावजूद दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने आपसी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई टेलीफोन वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर विस्तृत चर्चा हुई.
व्यापारिक रिश्तों में रफ्तार बनाए रखने पर जोर
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में प्रगति जारी रहनी चाहिए. मोदी और ट्रंप ने स्वीकार किया कि दोनों देश कई क्षेत्रों में एक-दूसरे के महत्वपूर्ण साझेदार बन चुके हैं और इसका विस्तार भविष्य के लिए आवश्यक है. यह चर्चा ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी वार्ताकार नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ दो दिवसीय व्यापार वार्ता में शामिल थे.
भारत का अब तक का सबसे मजबूत प्रस्ताव
वाशिंगटन में एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने सीनेट को जानकारी दी कि भारत ने लंबे समय से लंबित द्विपक्षीय समझौते को आगे बढ़ाने के लिए अब तक की अपनी सबसे बड़ी पेशकश की है. हालांकि, अमेरिकी मांस और डेयरी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार के खुलने को लेकर अभी भी मतभेद कायम हैं. यह मुद्दा समझौते में प्रमुख बाधा माना जा रहा है.
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीर ने भारत को एक कठिन बाजार बताते हुए भी स्वीकार किया कि इस बार भारत के प्रस्ताव पहले की तुलना में काफी बेहतर और व्यवहारिक हैं.
पीएम मोदी ने एक्स पर बताया
बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा कि उनकी राष्ट्रपति ट्रंप से सौहार्दपूर्ण और सार्थक चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया. मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देश वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे.
रक्षा, ऊर्जा और तकनीक पर बढ़ेगा सहयोग
दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई. ये क्षेत्र 21वीं सदी के भारत-अमेरिका साझेदारी ढांचे के क्रियान्वयन के लिए अहम माने जाते हैं. साझा चुनौतियों से निपटने और परस्पर हितों की पूर्ति के लिए भी साथ मिलकर आगे बढ़ने का संकल्प व्यक्त किया गया.
नए शुल्कों के बाद बढ़ा तनाव
हालिया व्यापारिक तनाव के कारण यह वार्ता और भी महत्वपूर्ण हो गई. अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत तक का भारी शुल्क लगा दिया है, जिसे भारतीय तेल आयात से जोड़कर देखा जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय चावल पर नए टैरिफ लगाने की चेतावनी के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है.
वार्ता का अगला चरण
अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर के नेतृत्व में अमेरिकी दल ने भारत के मुख्य वार्ताकारों दर्पण जैन और राजेश अग्रवाल के साथ बातचीत शुरू की. दोनों देश इस वर्ष एक प्राथमिक व्यापारिक ढांचे के पहले चरण को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं.


