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राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका की नागरिकता के लिए जारी किए 1 मिलियन 'गोल्ड कार्ड' वीजा, जानें क्या होगा फायदा

अमेरिका ने ‘गोल्ड कार्ड’ कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें निवेश के बदले स्थायी निवास और नागरिकता का मार्ग मिलेगा. ट्रंप इसे ग्रीन कार्ड का मजबूत संस्करण बताते हैं. उद्देश्य है वैश्विक प्रतिभा आकर्षित करना, अरबों डॉलर जुटाना और उच्च-स्तरीय प्रवासियों को प्राथमिकता देना.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपने लंबे समय से चर्चा में रहे ‘गोल्ड कार्ड’ कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत कर दी. यह नया प्रोग्राम उन धनी व्यक्तियों और कंपनियों के लिए बनाया गया है जो अमेरिका में निवेश के बदले स्थायी कानूनी निवास और आगे चलकर नागरिकता प्राप्त करना चाहते हैं. व्यक्तिगत स्तर पर आवेदकों को 1 मिलियन डॉलर, जबकि विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली कंपनियों को प्रति कर्मचारी 2 मिलियन डॉलर का निवेश करना होगा.

व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम में व्यवसायिक नेताओं के साथ कार्यक्रम की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि इस पहल से अमेरिका को दुनिया की श्रेष्ठ प्रतिभाएं आकर्षित करने में मदद मिलेगी और साथ ही देश को अरबों डॉलर का राजस्व भी मिलेगा.

ग्रीन कार्ड का नया वर्जन

ट्रंप ने गोल्ड कार्ड को मूल रूप से अमेरिकी ग्रीन कार्ड का एक उन्नत और शक्तिशाली संस्करण बताया, जो धारक को स्थायी निवास के साथ भविष्य में नागरिकता प्राप्त करने का सीधा मार्ग प्रदान करेगा. उनके अनुसार, यह ग्रीन कार्ड जैसा है, लेकिन उससे कहीं अधिक मजबूत और प्रभावी. इसमें अमेरिका की बेहतरीन प्रतिभाओं को चुनने की क्षमता शामिल होगी.

यह नया कार्यक्रम पुरानी EB-5 वीजा योजना का विकल्प माना जा रहा है, जिसे 1990 में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए लाया गया था. EB-5 के तहत निवेशकों को 10 नौकरियां सृजित करने वाली परियोजना में लगभग 1 मिलियन डॉलर का निवेश करना होता था. गोल्ड कार्ड योजना में रोजगार सृजन की पूर्व अनिवार्यता का उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे उम्मीद है कि यह प्रक्रिया पहले से अधिक लचीली होगी.

हाई स्किल वाले प्रवासियों को लेकर ट्रंप की नई सोच

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों से टैलेंट नियुक्त करने में वर्षों से कठिनाइयां आती रही हैं, क्योंकि विदेशी छात्रों को स्थायी रूप से अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं मिल पाती. उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों से पढ़े सर्वश्रेष्ठ दिमाग यहां रह नहीं पाते. गोल्ड कार्ड कार्यक्रम इस समस्या को हल करेगा और अमेरिका को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखेगा.

हालांकि ट्रंप के समर्थक समूहों ने पहले उनकी उच्च-कौशल प्रवासियों के प्रति सकारात्मक नीतियों पर आलोचना की थी, लेकिन राष्ट्रपति का मानना है कि योग्य और प्रतिभाशाली लोग अमेरिका की उन्नति के लिए आवश्यक हैं.

कड़े सुरक्षा मानदंड 

वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने बताया कि गोल्ड कार्ड के लिए आवेदन करने वालों को 15,000 डॉलर की विस्तृत सुरक्षा जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसमें वित्तीय रिकॉर्ड, आपराधिक इतिहास और पहचान सत्यापन जैसी कई परतों की जांच शामिल होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनियां एक से अधिक गोल्ड कार्ड खरीद सकती हैं, लेकिन प्रत्येक कार्ड का उपयोग केवल एक व्यक्ति के लिए ही किया जाएगा.

लटनिक के अनुसार ट्रंप प्रशासन चाहता है कि अमेरिका में रहने वाले निवेशकों और कुशल प्रवासियों का स्तर ऊंचा हो, क्योंकि मौजूदा ग्रीन कार्ड धारकों की औसत आय, एक सामान्य अमेरिकी की तुलना में कम पाई गई है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन वीजा योजनाएं

दुनिया के कई देश जैसे ब्रिटेन, स्पेन, ग्रीस, माल्टा, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पहले से ही धनवान निवेशकों के लिए विशेष गोल्डन वीजा योजनाएं चला रहे हैं. ट्रंप का नया कार्यक्रम उसी श्रेणी में अमेरिका को भी मजबूती से स्थापित करता है.

राष्ट्रपति ने कहा कि यह पहल अमेरिका को बेहतरीन और असाधारण व्यक्तियों को अपने देश में लाने में मदद करेगी. उन्होंने विशेष रूप से चीन, भारत और फ्रांस के शीर्ष विश्वविद्यालय स्नातकों का उल्लेख किया, जो इस कार्यक्रम के संभावित लाभार्थी हो सकते हैं.

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11 December 2025, 10:59 AM IST

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