अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है...मोदी-पुतिन की कार डिप्लोमेसी से अमेरिका परेशान, अपने ही देने लगे ट्रंप को नसीहत
अमेरिकी सांसद सिडनी कामलागर-डोव ने मोदी-पुतिन कार सेल्फी का पोस्टर दिखाकर चेताया कि वाशिंगटन की नीतियाँ भारत को रूस के करीब धकेल रही हैं. वहीं पुतिन की भारत यात्रा ने दोनों देशों की बढ़ती मित्रता और भरोसे को और मजबूत किया.

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की वह चर्चित कार सेल्फी, जिसने भारत-रूस की मित्रता की झलक दुनिया को दिखाई, अब अमेरिकी संसद की बहस में भी पहुंच गई है. विदेश नीति पर आयोजित एक सुनवाई के दौरान अमेरिकी सांसद सिडनी कामलागर-डोव इस तस्वीर का बड़ा पोस्टर साथ लेकर आईं और उसे लहराते हुए वाशिंगटन की मौजूदा नीति पर सवाल खड़े किए.
उनका संदेश स्पष्ट था कि अमेरिका अपनी ही नीति से भारत को रूस के और करीब धकेल रहा है, और इससे दोनों देशों के बीच बढ़ती दूरी का जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि वाशिंगटन खुद है.
ट्रंप प्रशासन भारत को दूर कर रहा है
सांसद कामलागर-डोव ने कड़े शब्दों में कहा कि भारत के प्रति ट्रंप प्रशासन का रवैया अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. उनके अनुसार, दबाव बनाकर नीति चलाने की यह रणनीति अमेरिका-भारत साझेदारी में मौजूद रणनीतिक भरोसे और आपसी समझ को गंभीर नुकसान पहुंचा रही है.
पोस्टर की ओर इशारा करते हुए उन्होंने टिप्पणी की, “एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है. अगर अमेरिका अपने ही सहयोगियों को विरोधियों की ओर धकेलेगा, तो न तो शांति स्थापित होगी और न ही कोई वैश्विक सम्मान मिलेगा.” उन्होंने चेतावनी दी कि यह क्षण वॉशिंगटन के लिए सीख का होना चाहिए, क्योंकि किसी भी देश को दबाव में रखकर सहयोग की उम्मीद करना महंगा साबित होता है.
अमेरिकी सांसदों से साझेदारी को बचाने की अपील
कामलागर-डोव ने अमेरिकी सांसदों को आग्रह किया कि वे दोनों देशों के रिश्तों में आई दरार को भरने के लिए तुरंत कदम उठाएं. उनका कहना था कि कांग्रेस इस मुद्दे की गंभीरता को पहले ही समझ चुकी है. उन्होंने समिति के अध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह चर्चा रिकॉर्ड पर जाना आवश्यक थी, ताकि भारत-अमेरिका संबंधों को स्थिरता की ओर ले जाया जा सके.
दिल्ली में मोदी-पुतिन की मुलाकात ने दी दोस्ती की नई तस्वीर
इस राजनीतिक बहस के बीच, पुतिन का हालिया भारत दौरा भी सुर्खियों में रहा. पिछले सप्ताह जैसे ही रूसी राष्ट्रपति का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, प्रधानमंत्री मोदी उन्हें स्वागत करने पहुंचे. रेड कार्पेट पर हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात के बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठे और प्रधानमंत्री आवास की ओर रवाना हुए.
यह दो दिवसीय यात्रा रूस और भारत के बीच मजबूत होते संबंधों का प्रतीक मानी जा रही है. इससे पहले दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान भी एक कार में साथ नज़र आए थे, जब उन्होंने रूस में बनी ऑरस सेडान में यात्रा की थी.
कार राइड मेरा सुझाव था
एक इंटरव्यू में पुतिन ने बताया कि मोदी के साथ कार यात्रा का विचार उनका था. उन्होंने कहा कि यह हमारी दोस्ती और भरोसे का प्रतीक था. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पुतिन की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी. मोदी ने उन्हें गर्मजोशी से गले लगाकर स्वागत किया और निजी रात्रिभोज के दौरान दोनों नेताओं ने कई रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.


