सीमा पार से भारतीयों की हत्या हुई तो पाकिस्तान को ' चुकानी पड़ेगी कीमत', अमेरिका से थरूर की चेतावनी
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ नया मानदंड स्थापित किया है. उन्होंने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि सीमा पार आतंकी हमलों की कोई माफ़ी नहीं होगी. थरूर ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख पर जोर दिया. उन्होंने युद्ध की इच्छा न होने के बावजूद आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता बताई. थरूर बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकी समुदाय और मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत ने एक नया मानदंड स्थापित कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अब पाकिस्तान में बैठे आतंकी बिना किसी परिणाम के भारत में सीमा पार कर हमले नहीं कर सकते. थरूर ने कहा, "जिसने भी इस तरह की हरकत की, उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी."
आतंकवाद के खिलाफ भारत का दृढ़ रुख
थरूर एक बहुपक्षीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के नेता हैं जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को विश्व मंचों पर स्पष्ट कर रहा है. उन्होंने बताया कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद सटीक सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, के माध्यम से पाकिस्तान और कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. थरूर ने कहा, "हमने केवल आतंकवादियों को जवाब दिया है. अगर पाकिस्तान रुकेगा तो हम भी रुकेंगे."
आतंकवादियों को मिलेगी सख्त सजा
थरूर ने यह भी कहा कि अब एक नया दौर शुरू हो चुका है जहां पाकिस्तान को साफ संदेश दिया गया है कि सीमा पार जाकर नागरिकों की हत्या बिना सजा के नहीं रहेगी. "इसकी कीमत लगातार बढ़ती जाएगी," थरूर ने चेतावनी दी. उन्होंने पिछले बड़े आतंकी हमलों जैसे 26/11 मुंबई, उरी और पुलवामा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का धैर्य खत्म हो चुका है.
भारत नहीं चाहता युद्ध
थरूर ने दोहराया कि भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं चाहता. "हम अपनी आर्थिक प्रगति और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं," उन्होंने कहा. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत को पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्रीय संसाधन की लालसा नहीं है, बल्कि समस्या यह है कि पाकिस्तान एक संशोधनवादी शक्ति है जो भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्रों पर दावा जताता है.
आतंकवाद के जरिए क्षेत्रीय दावे का विरोध
थरूर ने बताया कि पाकिस्तान पर यह आरोप है कि वह पारंपरिक युद्ध के बजाय आतंकवाद के ज़रिए अपनी हठधर्मिता पूरी करना चाहता है. "यह भारत के लिए स्वीकार्य नहीं है," उन्होंने कहा. थरूर ने कहा कि भारत ने कई प्रयास किए—अंतरराष्ट्रीय शिकायतें दर्ज कराना, कूटनीतिक बातचीत—लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं मिला. आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई अपरिहार्य हो गई है.
भारत की सटीक और संयमित कार्रवाई
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई सटीक और संयमित रही है, जो दुनिया को यह संदेश देती है कि भारत केवल आत्मरक्षा कर रहा है और किसी बड़े युद्ध की शुरुआत नहीं करना चाहता.थरूर ने कहा, "हमने इस कार्रवाई को चतुराई और जिम्मेदारी से अंजाम दिया है."
बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य
थरूर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करेगा. प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सांसद और पूर्व राजदूत शामिल हैं. यह अमेरिका और गुयाना जैसे देशों का दौरा करेगा और वहां आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को स्पष्ट करेगा.
पहलगाम हमले की निंदा
थरूर ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी निंदा की, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. उन्होंने कहा कि यह हमला विशेष रूप से पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाने वाला था, जो अत्यंत निंदनीय है.


