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रिश्ते ठीक करने की रास्ता तलाशें- ट्रंप से बहस के बाद NATO ने ज़ेलेंस्की को दी सलाह

NATO Trump-Zelensky meeting: ओवल ऑफिस मीटिंग के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके यूक्रेनी समकक्ष  वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के बीच हुई तीखी नोकझोंक के एक दिन बाद, नाटो प्रमुख मार्क रूट का बयान सामने आया है. उन्होंने जेलेंस्की को सलाह दी है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यूक्रेन में स्थायी शांति लाना चाहता है लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि हम सभी मिलकर काम करें.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

NATO Trump-Zelensky meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार को ओवल ऑफिस में एक अप्रत्याशित बहस ने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. इस तीखी बहस के एक दिन बाद, नाटो प्रमुख मार्क रूट ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बाद वाले "अमेरिकी राष्ट्रपति और वरिष्ठ अमेरिकी नेतृत्व टीम के साथ अपने संबंधों को बहाल करने का एक तरीका खोजें.

आपको बता दें कि ट्रंप और जेंल्सकी के बीच हुई मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं में काफी नोक झोक हुई. ट्रंप ने जेलेंस्की पर गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि उन्होंने लाखों लोगों की जान से खेला है. ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि यूक्रेनी राष्ट्रपति की कार्रवाई तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति पैदा कर सकती हैं. इसके बाद, जेलेंस्की ने अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना व्हाइट हाउस छोड़ दिया.

NATO का जेलेंस्की का सलाह

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस के बाद नाटो महासचिव मार्क रुटे ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को एक महत्वपूर्ण सलाह दी है. रुटे ने कहा कि जेलेंस्की को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपने रिश्ते को सुधारने का तरीका खोजना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन ने जो कुछ यूक्रेन के लिए किया है, उसका जेलेंस्की को सम्मान करना चाहिए, खासकर 2019 में जब ट्रंप ने यूक्रेन को जैवलिन एंटी टैंक मिसाइलों की आपूर्ति की थी, जिससे यूक्रेन को रूसी आक्रमण के दौरान महत्वपूर्ण सैन्य लाभ हुआ था.

शांति समझौते को लेकर नाटो ने कही ये बात

मार्क रुटे ने यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अमेरिका यूक्रेन में स्थायी शांति चाहता है, लेकिन इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. रुटे ने यह भी जोड़ा कि जेलेंस्की को अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ नेतृत्व के साथ रिश्ते को सामान्य करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, उन्हें उम्मीद है कि यूरोपीय नेता, जो लंदन में बैठक करने वाले हैं, यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी प्रदान कर शांति समझौते को सुरक्षित करने में मदद करेंगे.

ट्रंप ने जेलेंस्की को क्या कहा?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान जेलेंस्की को तीखा जवाब देते हुए कहा, "आपकी कार्रवाइयों से लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है. आपकी कार्रवाई तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकती है." ट्रंप का यह बयान उस समय आया जब दोनों नेताओं के बीच गहमा-गहमी बढ़ गई थी. ट्रंप के इस बयान से यह साफ हो गया कि उनका यूक्रेन के राष्ट्रपति से काफी खफा होना, इस विवाद का मुख्य कारण था.

जेलेंस्की का व्हाइट हाउस से अचानक प्रस्थान

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच गहमागहमी के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना व्हाइट हाउस छोड़ने का निर्णय लिया. यह कदम वाकई चौंकाने वाला था, क्योंकि इससे पहले इस समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा चल रही थी. जेलेंस्की का यह फैसला अमेरिका-यूक्रेन के रिश्तों में एक बड़ा मोड़ लेकर आया है.

अमेरिका और यूरोप के बीच गहरी दरार

इस बहस के बाद, जेलेंस्की को यूरोपीय नेताओं से समर्थन मिलते देखा गया. कई यूरोपीय देशों ने यूक्रेनी राष्ट्रपति के पक्ष में खड़े होकर अमेरिका के रुख पर सवाल उठाए. वहीं, व्हाइट हाउस ने ट्रंप का समर्थन किया और यह साफ कर दिया कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति के आक्रामक कदमों के खिलाफ हैं. इस घटनाक्रम ने अमेरिका और यूरोप के बीच के रिश्तों को एक नई दिशा में मोड़ दिया है.

ट्रंप और जेलेंस्की की भिड़ंत के कारण

विश्लेषकों का मानना है कि यह झगड़ा सिर्फ यूक्रेन के मुद्दे पर नहीं है, बल्कि यह अमेरिका और यूरोप के विभिन्न दृष्टिकोणों का परिणाम है. जहां एक ओर ट्रंप यूक्रेन के खिलाफ कठोर रुख अपनाए हुए हैं, वहीं यूरोपीय देशों का मानना है कि यूक्रेन के समर्थन में खड़ा होना आवश्यक है ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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02 March 2025, 07:22 AM IST

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