डेनमार्क से पाकिस्तान पर प्रहार: एमजे अकबर बोले- 'दोहरी सरकार, जहरीली जुबान'
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचा, जहां भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने उनका औपचारिक स्वागत किया.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल डेनमार्क की यात्रा पर है. कोपेनहेगन पहुंचने पर भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया. इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, एमजे अकबर, गुलाम अली खटाना, समिक भट्टाचार्य, कांग्रेस सांसद अमर सिंह, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं.
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति
इस प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य यूरोपीय देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, डेनमार्क और यूरोपीय संघ के नेताओं से संवाद स्थापित कर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया से उन्हें अवगत कराना है. यह हमला सांप्रदायिक आतंकवाद का एक क्रूर और अमानवीय रूप था, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा और समझा गया है.
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने डेनमार्क की टिप्पणियों को भारत के प्रति समर्थन का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए कूटनीतिक प्रयासों का वैश्विक प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है. अकबर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उसे दोहरे चेहरे वाला देश कहा और सवाल उठाया कि जब एक देश में भ्रमित और विरोधाभासी नीतियाँ हों, तो बातचीत किससे और कैसे की जाए? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नीतियां धोखे पर आधारित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस धोखे को उजागर कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा है.
प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.


