ईरान की बढ़ती परमाणु ताकत से दुनिया में हलचल, क्या अमेरिका देगा करारा जवाब?
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, ईरान के वैज्ञानिकों की गुप्त टीम परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. ईरान अपने यूरेनियम भंडार को परमाणु हथियार में बदलने के लिए कुछ महीनों में इसे पूरा करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, ईरान के सर्वोच्च नेता ने अभी तक परमाणु बम बनाने का फैसला नहीं लिया है.

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि ईरान के वैज्ञानिकों की एक गुप्त टीम तेजी से परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में काम कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडन प्रशासन के अंतिम महीनों में जुटाई गई खुफिया जानकारी ट्रंप प्रशासन के साथ साझा की गई है.
परमाणु बम बनाने की तैयारी में ईरान तेज
खुफिया रिपोर्टो से पता चला है कि ईरान अब अपने यूरेनियम भंडार को परमाणु हथियार में बदलने की प्रक्रिया को एक साल के बजाय कुछ महीनों में पूरा करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अभी तक परमाणु बम बनाने का अंतिम फैसला नहीं लिया है.
ईरान के क्षेत्रीय प्रभाव पर असर
अमेरिकी खुफिया आकलन ऐसे समय में आया है जब ईरान का क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर हुआ है. इजरायल ने ईरान समर्थित समूह हमास और हिजबुल्लाह को भारी नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा, सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का अंत हो गया है और उन्हें मॉस्को भागना पड़ा. इससे ईरान की सीरिया के माध्यम से हथियार भेजने की क्षमता भी प्रभावित हुई है.
इजरायली पीएम नेतन्याहू अमेरिका में मौजूद
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के कुछ अधिकारियों का मानना है कि ईरान अपनी परमाणु शक्ति को अमेरिका और इजरायल के संभावित हमले के खिलाफ एक बचाव के रूप में देखता है. इस बीच, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका में मौजूद हैं और उनकी ट्रंप से बैठक होने वाली है, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है.
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की कूटनीति में रुचि
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने अमेरिका के साथ बातचीत में रुचि दिखाई है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम की पूरी जानकारी राष्ट्रपति पेजेश्कियन और विदेश मंत्रालय को नहीं हो सकती, क्योंकि इस पर नियंत्रण इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के पास है, जो सीधे खामेनेई के अधीन काम करता है.
अमेरिका की रणनीति – हमला या कूटनीति?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे कूटनीति को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने कहा कि परमाणु प्रगति को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन इसे हल करने के लिए बिना किसी आक्रामक कदम के समाधान निकालने की उम्मीद है.
ईरान के पास कच्चे परमाणु उपकरण बनाने की क्षमता
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के पास कच्चे परमाणु हथियार बनाने की तकनीकी क्षमता है, लेकिन इसे मिसाइल के जरिए तैनात करने में अभी समय लगेगा. इसका मतलब है कि ईरान फिलहाल सीधा सैन्य खतरा नहीं बन सकता, लेकिन उसका परमाणु कार्यक्रम एक रणनीतिक निवारक के रूप में उभर सकता है.