इस्माइल हानिया की मौत का बदला लेगा ईरान, सजा पाने से खुद को रोक नहीं पाएगा इजरायल!
ईरान हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत का बदला इजरायल से लेने की बात कर रहा है. इतना ही नहीं कसम भी खाई है कि इजरायल को हम बर्बाद कर देंगे. जानकर आपको हैरानी होगी कि हमास ने बीते 16 फरवरी 2006 में इस्माइल हानिया को फलस्तीनी प्राधिकरण का पीएम बना दिया था. मगर ठीक एक साल बाद ही फलस्तीनी नेशनल अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया था. वहीं अब उनकी मृत्यु हो चुकी है, जिसके बाद ईरान ने घोषणा कर बताया कि वह इजरायल को तबाह कर देगा.

ईरान के सबसे बड़े नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने आज यानी बुधवार को हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत पर इजरायल से बदला लेने की बात करते नजर आएं. साथ ही कसम भी खाई, खामेनेई ने अपने बयान में कहा कि ईरान की राजधानी तेहरान में तड़के हवाई हमले में हमास के चीफ इस्माइल हनिया की हत्या के बाद इजरायल ने अपने लिए एक बड़ी सजा तैयार कर ली है. आगे कहा कि इस सजा के लिए इजरायल को अपनी कमर कस लेनी चाहिए.
नेता खामेनेई ने खाई बदला लेने की कसम
मिली जानकारी के अनुसार ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने अपने बयान में बदला लेने की बात कही है. उन्होंने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक पोस्ट साझा की है. जिसमें लिखा गया कि “हम उसका बदला लेना अपना फर्ज समझते हैं. उन्होंने आगे बताया कि हमास के चीफ इस्माइल हानिया हमारे घर में एक प्रिय अतिथि थे. जिनकी अब हत्या हो चुकी है. ईरान ने कहा कि इस हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार है. इस हत्या के बाद से संघर्ष बढ़ चुका है, साथ ही खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. इसके बावजूद अमेरिका के साथ अन्य देश इस क्षेत्रीय युद्ध को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
Following this bitter, tragic event which has taken place within the borders of the Islamic Republic, it is our duty to take revenge.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) July 31, 2024
वहीं इज़रायल की तरफ से इसके ऊपर किसी तरह का बयान सामने नहीं आया है. वहीं दक्षिणी इज़रायल पर बीते 7 अक्टूबर को समूह के हमले के बाद हानिया के अलावा हमास नेताओं को मारने की कसम खाई है. ईरान का कहना है कि यह हमला ठीक उस वक्त हुआ था जब इस्माइल हानिया तेहरान में ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे थे.
हानिया आखिर हैं कौन जिनके लिए उठा मुद्दा?
आपको बता दें कि इस्माइल हनिया हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो के प्रमुख हुआ करते थे. वहीं वह फलस्तीनी प्राधिकरण की 10वीं सरकार के पीएम थे, इस दौरान हनिया का निकनेम अबू-अल-अब्द है. हैरानी की बात है कि इसराइल ने हानिया को साल 1989 में करीब तीन साल के लिए कैद कर लिया था. इतना ही नहीं उन्हें हमास के कई नेताओं के साथ मार्ज-अल-ज़ुहुर निर्वासित किया था. यह इसराइल और लेबनान के मध्य एक नो-मेंस लैंड हैं. जहां हमास चीफ इस्माइल हनिया लगभग एक साल तक रह चुके थे. फिर बाद में वह वापस गाजा लौट आए थे.