सीरिया में एली कोहेन की कब्र खोज रहा इजरायल, मोसाद के सबसे खतरनाक जासूस को दश्मिक में क्यों दफनाया गया
इजरायली जासूस एली कोहेन को सबसे खतरनाक जासूसों में से माना जाता है. उन्हें सीरिया में एक मिशन के तहत भेजा गया था. उन्होंने सीरियाई व्यापारी के रूप में खुद को पेश करके सीरिया की सेना और सरकार के उच्चतम पदों तक अपनी पैठ बना ली थी.

सीरिया में बशर अल- असद के तख्तापलट के बाद इजरायल की एंट्री हो गई है. इजरायल सीरिया में एक सीक्रेट कब्र की खोज कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह कब्र इजरायली खुफिया एजेंसी के सबसे खतरनाक जासूस एली कोहेन की है. लेबनानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,सीरिया में असद शासनके पतन का का फायदा उठाकर प्रसिद्ध जासूस एली कोहेन की कब्र को खोज रहे हैं. सीरिया ने कोहेन को 1965 में जासूसी के आरोप में पकड़कर फांसी दे दी थी.
लेबनानी मीडिया का कहना है कि इजरायल ने सीरिया के अंदर और विदेशी खुफिया विभाग से संपर्क किया है, जिससे पता लगाया जा सके कि एली कोहेन को कहां दफन किया गया है.रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएफ सैनिक त्ज़वी फेल्डमैन और येहुदा काट्ज़ के शवों का पता लगाने के लिए इजरायल ने नए सिरे से प्रयास शुरू कर दिए हैं, जिन्हें 1982 में लेबनान में सीरियाई सेना के साथ सुल्तान याकूब की लड़ाई के बाद लापता घोषित कर दिया गया था.
फरवरी 2021 में बताया गया था कि कोहेन का शव को इजरायल को सौंपने के लिए रूस, सीरियाई अधिकारियों के साथ सहयोग करके दक्षिणी दमिश्क में यरमौक शरणार्थी शिविर के क्षेत्र की तलाश कर रहा था. इसके अगले महीने ही कथित तौर पर कोहेन से जुड़ी एक चीज को इजरायल को सौंपा गया था.
उस समय की इजरायली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया यह वस्तु कोहेन के कपड़ों का दस्तावेज या फिर कोई लेख हो सकता है. हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इन रिपोर्टों का खंडन किया था. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या वास्तव में कोई ऐसी चीज सौंपी गई थी.
कौन थे एली कोहेन?
एली कोहेन इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के एक जासूस थे, जिन्हें सीरिया में मिशन के तहत भेजा गया था. कोहेन का जन्म साल 1924 में मिस्र में एक सीरियाई यहूदी परिवार में हुआ था.उन्होंने सीरियाई व्यापारी के रूप में खुद को पेश करके सीरिया की सेना और सरकार के उच्चतम पदों तक अपनी पैठ बना ली. साल 1961 से 1965 के बीच कोहेन ने सीरिया के अंदर से महत्वपूर्ण खुफिया इजरायल को सौंपी थी.
खुलेआम दी गई थी फांसी
एक सैन्य मुकदमे के बाद मई 1965 में कोहेन को दमिश्क में खुलेआम फांसी पर लटका दिया गया. सीरिया ने कोहेन के शव को इजराइल में उनके परिवार को लौटाने से इनकार कर दिया.उनके शव को कई बार अलग-अलग जगहों पर दफनाया गया, ताकि इजरायल अवशेषों को ढूंढकर वापस न ले जा सके.


