मध्य पूर्व में शांति की राह युद्धविराम से ही संभव: जिनपिंग की दो टूक चेतावनी
ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष लगातार गंभीर होता जा रहा है. इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मध्य पूर्व में स्थिरता बहाल करने के लिए सबसे जरूरी कदम युद्धविराम है.

ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष लगातार गंभीर होता जा रहा है. इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस विवाद पर एक अहम बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मध्य पूर्व में स्थिरता बहाल करने के लिए सबसे जरूरी कदम युद्धविराम है. उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने का रास्ता कभी भी बल प्रयोग नहीं हो सकता.
जिनपिंग ने पुतिन से टेलीफोन पर की बातचीत
जिनपिंग ने यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान कही. दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और चिंता जाहिर की. जिनपिंग ने खासतौर पर इजरायल से अपील की कि वह जल्द से जल्द युद्धविराम लागू करे, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता लौट सके. उन्होंने दोहराया कि चीन हमेशा बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं के समाधान का समर्थक रहा है.
इस बीच इजरायल और ईरान के बीच सैन्य कार्रवाई तेज हो गई है. ईरान ने इजरायल के कई शहरों जैसे तेल अवीव, बीर्शेबा, रमतगन और होलोन पर चार बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. इनमें से एक मिसाइल तेल अवीव के सोरोका अस्पताल पर गिरी, जिससे वहां अफरातफरी मच गई. बताया जा रहा है कि इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं.
अयातुल्ला अली खामेनेई को खत्म करने की धमकी
सोरोका मेडिकल सेंटर के निदेशक प्रो. श्लोमी कोडेश ने जानकारी दी कि मिसाइल ने पुराने सर्जिकल वार्ड को निशाना बनाया था, जिसे हाल ही में खाली कराया गया था. अस्पताल की अन्य इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. हालांकि, सभी मरीज और स्टाफ सुरक्षित बंकर में थे. इस हमले के जवाब में इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को खत्म करने की धमकी दी है. साथ ही नए सैन्य हमलों की भी चेतावनी दी गई है.


