समुद्र की शेरनियां: बिना ऑक्सीजन घंटों पानी में जिंदा रहती हैं ये कोरियाई महिलाएं, वैज्ञानिक भी रह गए दंग!
दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप पर रहने वाली 'हेन्यो' महिलाएं बिना किसी ऑक्सीजन सिलेंडर के समुद्र की गहराइयों में 18 मीटर तक गोता लगाती हैं और घंटों तक ठंडे पानी में जीवित रहकर समुद्री जीव जैसे शैवाल, सीप और अबालोन निकालती हैं। इनकी उम्र 60 से 80 साल तक होती है, लेकिन हिम्मत किसी जवान से कम नहीं।

दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप की एक अनोखी परंपरा और उससे जुड़ी महिलाओं ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. इन्हें 'हेन्यो' कहा जाता है – ऐसी महिलाएं जो बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के समुद्र की गहराइयों में घंटों तक गोता लगाती हैं और समुद्री जीवों को पकड़कर लाती हैं. 60 से 80 वर्ष की उम्र में भी ये महिलाएं समुद्री शैवाल, अबालोन और सीप जैसी चीजें निकालती हैं, जिससे उनकी हिम्मत और जीवटता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
ये महिलाएं न केवल समुद्र में जीवन जीती हैं, बल्कि उनके शरीर की जैविक संरचना इतनी अनूठी है कि वैज्ञानिक भी उनकी क्षमताओं को लेकर शोध में जुट गए हैं. उनकी असाधारण अनुकूलन शक्ति, विशेष डीएनए और प्रशिक्षण उन्हें 'समुद्र की असली शेरनियां' बनाता है.
सदियों पुरानी परंपरा, आज भी कायम
हेन्यो परंपरा जेजू द्वीप पर सदियों से चली आ रही है. यह द्वीप दक्षिण कोरिया की मुख्य भूमि से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है. साल 2016 में यूनेस्को ने इस परंपरा कोअमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया. हेन्यो महिलाएं रोज़ाना 18 मीटर तक की गहराई में गोता लगाती हैं और लगभग 4 से 5 घंटे तक पानी में काम करती हैं.
गोताखोरी में दिखती है शरीर की असाधारण शक्ति
हेन्यो महिलाएं बिना किसी सांस लेने वाले उपकरण के समुद्र में उतरती हैं. उनके पास जो सबसे बड़ी ताकत है, वह हैश्वास नियंत्रण और हृदय गति को धीमा करने की क्षमता. नकली गोता परीक्षणों में यह पाया गया कि उनकी हृदय गति 50% तक कम हो जाती है. एक उदाहरण में, केवल 15 सेकंड में हेन्यो की हृदय गति 40 धड़कनों तक घट गई थी.
डीएनए में छिपा है गोताखोरी का रहस्य
Cell Reports नाम की एक साइंटिफिक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि हेन्यो के डीएनए में खास तरह का जीन वैरिएंट होता है, जो गोताखोरी के दौरानब्लड प्रेशर को स्थिर बनाए रखता है. यह जीन लगभग33% जेजू निवासियों में पाया गया, जबकि कोरियाई मुख्य भूमि के लोगों में केवल 7% में ही यह मौजूद था. इस जीन की मदद से प्रीक्लेम्पसिया जैसी जटिलताओं से भी बचाव होता है.
ठंड में भी अडिग रहती हैं हेन्यो
हेन्यो महिलाएं 0 डिग्री सेल्सियस तक के पानी में भी सहज रूप से काम कर सकती हैं. वैज्ञानिकमेलिसा इलार्डो के अनुसार, "वे केवल तूफान की चेतावनी पर ही समुद्र में उतरना रोकती हैं." उनके डीएनए में मौजूद दूसरा अनुकूलन उन्हेंहाइपोथर्मिया से बचाता है, जो अत्यधिक ठंड में शरीर के काम करना बंद करने की स्थिति होती है.
गर्भावस्था में भी नहीं रुकता समर्पण
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कई हेन्यो महिलाएंगर्भावस्था के दौरान भी गोता लगाती हैं. जबकि सामान्य स्थिति में ऐसा करना गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन उनके डीएनए में मौजूद विशेष जीन इस खतरे कोन्यूनतम कर देता है.
नई पीढ़ी में घटती रुचि
हेन्यो की औसत उम्र70 वर्ष से ऊपर है. आज की युवा पीढ़ी इस परंपरा में कम दिलचस्पी ले रही है, जिससे यह परंपरा धीरे-धीरेलुप्त होने के कगार पर है. ये महिलाएं शायद अपने समुदाय कीअंतिम पीढ़ी हो सकती हैं जो इस अनूठे काम को करती हैं.
भविष्य के लिए मेडिकल चमत्कार
हेन्यो महिलाओं के डीएनए में मौजूद जीन भविष्य में उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हाइपोथर्मिया जैसी बीमारियों केइलाज की कुंजी बन सकता है. जेजू द्वीप परस्ट्रोक की दर सबसे कम मानी जाती है, जो सीधे तौर पर उनके अनुकूलन से जुड़ी हो सकती है. मेलिसा इलार्डो कहती हैं.


