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'Meta की छंटनी पर मचा बवाल... कर्मचारी बोले - छुट्टी लेने वालों को बनाया गया निशाना!'

Meta ने हाल ही में हजारों कर्मचारियों की छंटनी की, लेकिन सवाल उठ रहा है – क्या सच में यह प्रदर्शन-आधारित थी या कुछ और खेल चल रहा था? एक कर्मचारी ने खुलासा किया कि उसे मातृत्व अवकाश के कुछ हफ्तों बाद ही नौकरी से निकाल दिया गया! साथ ही, उसने Meta के अंदर की ऐसी बातें बताईं, जो चौंकाने वाली हैं. क्या ज़करबर्ग की ‘नई मर्दाना ऊर्जा’ इसका कारण है? या फिर कंपनी के बड़े बदलावों का कोई और इशारा? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें…

Aprajita
Edited By: Aprajita

Meta Layoffs: मेटा की हालिया छंटनी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. जहां कंपनी इसे प्रदर्शन-आधारित कटौती बता रही है, वहीं कई निकाले गए कर्मचारियों का दावा है कि यह पूरी तरह से गलत है. खासकर वे कर्मचारी, जिन्होंने हाल ही में लंबी छुट्टियां ली थीं, वे खुद को निशाना बनाए जाने का आरोप लगा रहे हैं. ऐसी ही एक कर्मचारी एलाना रेमन सफ़नर भी हैं, जिन्हें छह महीने के मातृत्व अवकाश के कुछ ही हफ्तों बाद नौकरी से हाथ धोना पड़ा.

प्रदर्शन खराब था या कुछ और वजह?

मेटा ने इस साल 5% कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था, जिससे दुनियाभर में करीब 3,600 कर्मचारी प्रभावित हुए. कंपनी का दावा है कि यह कटौती उन कर्मचारियों पर लागू हुई है, जो अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. लेकिन सफ़नर और कई अन्य कर्मचारियों ने इस दावे को झूठा बताया है. उनका कहना है कि उन्हें कभी भी खराब प्रदर्शन समीक्षा नहीं मिली, फिर भी उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

सफ़नर ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखकर बताया कि मेटा में उनके तीन साल के कार्यकाल के दौरान कभी भी उनके प्रदर्शन को लेकर कोई नकारात्मक फीडबैक नहीं दिया गया. उन्होंने लिखा, "मुझे मेटा ने 'प्रदर्शन-आधारित' छंटनी में निकाल दिया और मैं हैरान हूं."

छुट्टी लेने वालों पर गिरी गाज?

सफ़नर ने अपने पोस्ट में इशारा किया कि हाल ही में छुट्टी लेने वाले कई कर्मचारियों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. उन्होंने लिखा, "मुझे नवंबर तक 6 महीने के लिए मातृत्व अवकाश मिला था. इसके बावजूद, अचानक मुझे निकाल दिया गया. क्या यह सच में प्रदर्शन का मामला था या छुट्टी लेने वालों को ही टारगेट किया गया?"

"ज़करबर्ग की नई 'मर्दाना ऊर्जा' और उसकी मार"

सिर्फ नौकरी ही नहीं, सफ़नर ने मेटा के CEO मार्क ज़करबर्ग पर भी तंज कसा. उन्होंने लिखा कि मेटा में काम करना मानसिक रूप से थका देने वाला अनुभव था. "34 टैब खुले रखना, 62-पेज वाले एक-पेज रिपोर्ट बनाना और ज़करबर्ग की पसंद के मुताबिक न चलने वाले प्रोडक्ट्स को खारिज होते देखना अब मुझे मिस नहीं होगा."

साथ ही उन्होंने ज़करबर्ग की हालिया टिप्पणियों पर भी कटाक्ष किया. हाल ही में ज़करबर्ग ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिकी कंपनियां नपुंसक हो गई हैं और उन्हें अपनी 'मर्दाना ऊर्जा' फिर से हासिल करने की जरूरत है. इस पर सफ़नर ने तंज कसते हुए कहा कि वह इसी 'मर्दाना ऊर्जा' की सह-क्षति हैं.

क्या छंटनी का असली कारण कुछ और है?

मेटा में यह छंटनी ऐसे समय पर हुई है जब कंपनी ने अपने विविधता, समानता और समावेशन कार्यक्रमों में कटौती की घोषणा की थी. यही वजह है कि कुछ लोग इसे सिर्फ छंटनी नहीं, बल्कि कंपनी के अंदर बड़े बदलावों का संकेत मान रहे हैं.

फिलहाल, मेटा की इस नीति पर बहस तेज हो गई है. जहां कुछ लोग इसे व्यावसायिक निर्णय मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे अनुचित करार दे रहे हैं. क्या वाकई में छुट्टी लेने वाले कर्मचारी निशाने पर हैं? या फिर मेटा अपने बिजनेस को एक नई दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है? यह सवाल अब सबके मन में है.

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12 February 2025, 04:08 PM IST

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