मोसाद ने कतर में हमास नेताओं को निशाना बनाने से किया इनकार...ये बड़ी वजह आई सामने
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कतर में हमास नेताओं को मारने से मना किया, क्योंकि इसे कतर के साथ संबंधों के लिए खतरनाक माना गया. हालांकि, इजरायल सरकार ने हवाई हमला कर पांच हमास नेताओं और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी को मार डाला. इस हमले की अंतरराष्ट्रीय आलोचना हुई. यह हमला इजरायल की कतर के प्रति नई नीति को दर्शाता है, जिसमें कतर की मध्यस्थता पर सवाल उठाए गए हैं.

Israel Intelligence News: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कतर में हमास नेताओं के खिलाफ एक भूसंरचना हमले को अस्वीकार कर दिया, जैसा कि वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के दो अधिकारियों ने बताया कि मोसाद के निदेशक डेविड बारनेआ ने कतर में हमास के अधिकारियों को मारने के खिलाफ फैसला लिया था, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि ऐसा कदम कतर के साथ उनके एजेंसी द्वारा बनाए गए रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है.
कतर के साथ रिश्तों का महत्व
मोसाद ने ऑपरेशन टालने का निर्णय लिया
मोसाद के एक अधिकारी ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, "इस बार मोसाद जमीन पर जाकर हमला करने के लिए तैयार नहीं था." अधिकारी के अनुसार, कतर के साथ बातचीत में मध्यस्थ के रूप में कतर की भूमिका को देखकर मोसाद ने इस ऑपरेशन को टालने का निर्णय लिया.
इजरायल सरकार ने किया हवाई हमला
मोसाद के विरोध के बावजूद, इजरायल सरकार ने कतर की राजधानी दोहा में एक हवाई हमले को अंजाम दिया. इस हमले में हमास के पांच नेताओं और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई. इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस कदम की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन गल्फ देशों का भी समावेश था जो अमेरिका के करीबी सहयोगी माने जाते हैं.
मोसाद का विरोध और वक्त की अहमियत
वह अधिकारी जो मोसाद के विरोध को लेकर बात कर रहे थे, उन्होंने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हमले के समय पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “हम उन्हें (हमास नेताओं) एक, दो या चार साल बाद भी मार सकते थे, और मोसाद जानता है कि कैसे करना है. तो, अब क्यों?”
साथ ही, इज़राइल के रक्षा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जामीर ने भी इस ऑपरेशन के समय पर आपत्ति जताई थी. उनका मानना था कि इस प्रकार का हमला शांति वार्ता की प्रक्रिया को बिगाड़ सकता था. लेकिन इज़राइल के रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर और रक्षा मंत्री इजरायल कात्ज़ ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू के निर्णय का समर्थन किया और हवाई हमले को मंजूरी दी.
कतर पर हमले का राजनीतिक संदर्भ
इजरायल के पूर्व अधिकारी और इजरायल पॉलिसी फोरम के विश्लेषक निमरोड नोविक ने इस हमले के पीछे कतर के प्रति इजरायल की नई नीति को लेकर सवाल उठाए. उनका मानना है कि नेतन्याहू ने कतर को निशाना बनाकर ट्रंप प्रशासन के एक प्रस्ताव का विरोध किया, या फिर उन्होंने उस संकेत को भेजने की कोशिश की कि इजरायल अब कतर के साथ पहले जैसी मित्रता साझा नहीं करता.
इजरायल का नया रुख पूरी दुनिया के सामने
नोविक ने कहा, “जिस व्यक्ति ने कतर से हमास को होस्ट करने, उसे फंड करने और हमास से मध्यस्थता करने के लिए कहा, वही अब उसी शासन के खिलाफ हो गया है.” उनका मानना था कि कतर के साथ इजरायल का यह नया रुख अब सैन्य हमले के रूप में पूरी दुनिया के सामने आ गया.
यह घटना कतर और इजरायल के बीच के राजनीतिक रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ की तरह दिखती है. इजरायल की खुफिया एजेंसी और उसके वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मतभेद इस बात को दर्शाते हैं कि कैसे आतंकवाद से निपटने के संदर्भ में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के बीच अंतर हो सकता है. कतर की भूमिका मध्यस्थ के रूप में महत्वपूर्ण रही है, और इस हमले ने पूरी दुनिया में इजरायल की नीति के प्रति सवाल उठाए हैं.


