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आकार में बीस किलोमीटर, वजन सूरज से ज्यादा, यूनिवर्स का यह रहस्यमय तारा विज्ञान की समझ को दे रहा चुनौती

यूनिवर्स में एक ऐसा तारा मौजूद है जो दिखता छोटा है, पर उसकी ताकत पहाड़ों से भारी है। यह मरा हुआ तारा आज भी ब्रह्मांड को डराता है, क्योंकि इसकी एक चुटकी धूल पृथ्वी पर अकल्पनीय तबाही मचा सकती है

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

यूनिवर्स हमेशा से इंसान की समझ से बाहर रहा है। यहां हर कदम पर नया रहस्य छुपा है। कभी ब्लैक होल डराता है। कभी अनोखे तारे चौंकाते हैं। वैज्ञानिक सालों से इन्हें समझने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हर जवाब नया सवाल खड़ा करता है। यही वजह है कि यूनिवर्स आज भी रहस्य बना हुआ है। इंसान जितना जानता है, उससे कहीं ज्यादा अज्ञात बाकी है।

न्यूट्रॉन स्टार आखिर है क्या?

न्यूट्रॉन स्टार एक मरा हुआ तारा होता है। जब कोई बहुत बड़ा तारा फटता है, तो उसका बाहरी हिस्सा उड़ जाता है। अंदर का भाग सिकुड़कर बेहद घना बन जाता है। यही न्यूट्रॉन स्टार कहलाता है। इसमें परमाणु भी टूट जाते हैं। सब कुछ न्यूट्रॉन में बदल जाता है। इसलिए इसका घनत्व कल्पना से परे होता है। यही इसे खास और खतरनाक बनाता है।

इतना छोटा होकर भारी कैसे?

न्यूट्रॉन स्टार का आकार बहुत छोटा होता है। इसका फैलाव करीब बीस किलोमीटर तक होता है। लेकिन वजन सूरज से भी ज्यादा होता है। यही बात दिमाग हिला देती है। यहां वजन और आकार का रिश्ता टूट जाता है। पूरा द्रव्यमान एक छोटी गेंद में कैद रहता है। इसीलिए इसका गुरुत्व असामान्य हो जाता है।

एक चुटकी धूल क्यों डराती?

न्यूट्रॉन स्टार की एक चम्मच धूल का वजन अरबों टन हो सकता है। अगर यह धरती पर आ जाए तो उसका वजन माउंट एवरेस्ट से भी ज्यादा होगा। सोचिए इतनी भारी चीज का दबाव क्या करेगा। धरती उसे सह नहीं पाएगी। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे खतरनाक मानते हैं। इतनी छोटी मात्रा भी तबाही का कारण बन सकती है।

इतनी तेज़ी से क्यों घूमते हैं?

जब तारा सिकुड़ता है तो उसकी घुमाव गति बढ़ जाती है। यह ठीक वैसा है जैसे नाचते समय हाथ समेट लेना। कई न्यूट्रॉन स्टार एक सेकंड में सैकड़ों बार घूमते हैं। इनसे तेज रेडियो तरंगें निकलती हैं। इन्हें पल्सर भी कहा जाता है। इनकी चुंबकीय शक्ति धरती से अरबों गुना ज्यादा होती है। यही ताकत इन्हें अलग बनाती है।

मरे होकर भी इतने खतरनाक क्यों?

न्यूट्रॉन स्टार जिंदा नहीं होता। फिर भी इसकी ताकत कम नहीं होती। इसका गुरुत्व इतना ज्यादा होता है कि पास की चीजें खिंच जाती हैं। कुछ हालात में यह आसपास के तारों का पदार्थ निगल सकता है। यही वजह है कि इसे ब्रह्मांड का शांत राक्षस कहा जाता है। यह बिना आवाज के तबाही मचा सकता है।

इंसान इससे क्या सीख सकता है?

न्यूट्रॉन स्टार हमें सिखाता है कि ताकत आकार में नहीं होती। जो छोटा दिखे, वह सबसे भारी हो सकता है। यूनिवर्स में हर चीज संतुलन से चलती है। जब संतुलन टूटता है, तो विनाश होता है। यही संदेश विज्ञान देता है। इंसान को प्रकृति के सामने विनम्र रहना चाहिए। क्योंकि ब्रह्मांड की ताकत हमारी सोच से कहीं आगे है।

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26 December 2025, 08:06 PM IST

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