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'हमारे डीप स्टेट की कोई भूमिका नहीं' – बांग्लादेश में फंडिंग कटौती पर ट्रंप का बड़ा बयान!

अमेरिका ने अचानक बांग्लादेश के "राजनीतिक परिदृश्य" को मजबूत करने के लिए दी जाने वाली 29 मिलियन डॉलर (करीब 240 करोड़ रुपये) की फंडिंग बंद कर दी है. खास बात ये है कि ये फैसला ऐसे वक्त में आया है जब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन को लेकर अमेरिका पर "डीप स्टेट" के दावे किए जा रहे हैं. वहीं, इस फैसले के पीछे एलन मस्क के नेतृत्व वाले विभाग का हाथ बताया जा रहा है. लेकिन क्या ये महज खर्च में कटौती का फैसला है या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक खेल चल रहा है? जानिए पूरी खबर...

Aprajita
Edited By: Aprajita

Washington DC: अमेरिका ने बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के लिए दी जाने वाली 29 मिलियन डॉलर (करीब 240 करोड़ रुपये) की फंडिंग को रोक दिया है. यह फैसला ट्रंप प्रशासन की लागत-कटौती नीति के तहत लिया गया है. इस कदम ने दुनियाभर में चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि यह बांग्लादेश में पिछले साल हुए सत्ता परिवर्तन और 'डीप स्टेट' (गुप्त रूप से सरकार चलाने वाली शक्तियों) से जुड़ी अमेरिकी भूमिका के आरोपों के बीच लिया गया है.

ट्रंप का बांग्लादेश पर बड़ा फैसला

अमेरिकी सरकार की लागत-कटौती टीम, जिसे 'गवर्नमेंट एफिशिएंसी डिपार्टमेंट' (DOGE) कहा जाता है, ने एलन मस्क के नेतृत्व में इस फंडिंग को रद्द किया है. DOGE ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा, "बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए दी जाने वाली 29 मिलियन डॉलर की राशि रोक दी गई है." यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका पर बांग्लादेश में शासन परिवर्तन में शामिल होने के आरोप लग रहे हैं.

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और अमेरिका पर लगे आरोप

2024 में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर छात्रों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था. इसके बाद अमेरिका पर आरोप लगे कि उसने पर्दे के पीछे से इस राजनीतिक बदलाव में भूमिका निभाई थी. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और अमेरिका का इससे कोई लेना-देना नहीं है.

क्या था बांग्लादेश में 'राजनीतिक परिदृश्य' फंड?

बांग्लादेश में इस फंड का मकसद राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना था. इसे अमेरिका की यूएसएआईडी (USAID) और ब्रिटेन की सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता था. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य राजनीतिक दलों की क्षमता को बढ़ाना, राजनीतिक हिंसा को कम करना और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करना था. इसके तहत स्थानीय कार्यकर्ताओं और छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाता था, ताकि वे लोकतंत्र को बेहतर बनाने में भूमिका निभा सकें.

बांग्लादेश में अमेरिकी दखल पर क्या बोले ट्रंप?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मुद्दे पर जवाब दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका ने बांग्लादेश में शासन परिवर्तन में भूमिका निभाई थी, तो उन्होंने कहा, "हमारे डीप स्टेट की इसमें कोई भूमिका नहीं है. यह कुछ ऐसा है जिस पर भारत लंबे समय से काम कर रहा है. मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन इसे भारत पर छोड़ देता हूं." ट्रंप के इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि उनका प्रशासन अब बांग्लादेश की राजनीति से दूरी बनाए रखेगा.

भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर

बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में भी बदलाव आया है. नई सरकार की कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों को रोकने में विफल रहने की वजह से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं. इससे भारत सरकार चिंता में है और दोनों देशों के संबंध पहले जैसे मजबूत नहीं रहे हैं.

एलन मस्क की एंट्री - बांग्लादेश में इंटरनेट सेवा लाने की योजना

बांग्लादेश के नए मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के साथ वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की है. उन्होंने बांग्लादेश में 'स्टारलिंक' सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने पर चर्चा की. यूनुस ने मस्क को बांग्लादेश आने का निमंत्रण भी दिया, जिस पर मस्क ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा, "मैं इसका इंतजार कर रहा हूं."

अन्य देशों में भी फंडिंग में कटौती

DOGE ने सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों की फंडिंग भी रोकी है. भारत में "मतदाता जागरूकता" के लिए दी जाने वाली 22 मिलियन डॉलर और नेपाल में "राजकोषीय संघवाद और जैव विविधता संरक्षण" के लिए दी जाने वाली 39 मिलियन डॉलर की फंडिंग भी बंद कर दी गई है.

DOGE - ट्रंप का नया खर्चा कम करने वाला विभाग

ट्रंप प्रशासन ने सरकारी खर्च कम करने के लिए 'DOGE' नामक विभाग बनाया है. एलन मस्क के नेतृत्व में यह विभाग संघीय एजेंसियों का खर्च कम करने पर काम कर रहा है. यह ट्रंप की नीति के तहत सरकार को छोटा और प्रभावी बनाने की कोशिश का हिस्सा है. अमेरिका का यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति और दक्षिण एशिया की स्थिरता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव पहले से ही बढ़ रहा है, और अब अमेरिका की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश की नई सरकार और अमेरिका के रिश्ते किस दिशा में जाते हैं.

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16 February 2025, 07:09 PM IST

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